अध्याय 23

उन सभी भाइयों और बहनों के लिए, जिन्होंने मेरी आवाज सुनी है : तुम लोगों ने मेरे प्रचंड न्याय की आवाज सुनी है और तुमने चरम पीड़ा सहन की है। लेकिन तुम लोगों को पता होना चाहिए कि मेरी कठोर आवाज के पीछे मेरे इरादे छिपे हैं! मैं तुम लोगों को इसलिए अनुशासित करता हूँ, ताकि तुम लोगों को बचाया जा सके। तुम लोगों को पता होना चाहिए कि अपने प्यारे पुत्रों की खातिर मैं निश्चित रूप से तुम लोगों को अनुशासित करूँगा, तुम लोगों की काट-छाँट करूँगा और शीघ्र ही तुम लोगों को पूर्ण कर दूँगा। मेरा हृदय बहुत उत्सुक है, लेकिन तुम लोग मेरे हृदय को नहीं समझते और मेरे वचन के अनुसार कार्य नहीं करते। मेरे वचन आज तुम लोगों पर आते हैं और तुम लोगों को वास्तव में यह पहचान करवाते हैं कि परमेश्वर एक प्रेम करने वाला परमेश्वर है, और वे तुम सबको परमेश्वर के सच्चे प्रेम का अनुभव कराते हैं। हालाँकि, एक छोटी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो ढोंग कर रहे हैं। जब वे अन्य लोगों का दुःख देखते हैं, तो वे अपनी आँखों में भी आँसू भरकर उनकी नकल करते हैं। कुछ अन्य लोग हैं, जो—सतह पर—परमेश्वर के ऋणी दिखते हैं और और पश्चात्ताप करते प्रतीत होते हैं, किंतु अपने भीतर वे वास्तव में परमेश्वर को नहीं समझते, न ही वे उसके बारे में निश्चित हैं; बल्कि, वे बस मुखौटा लगाते हैं। मैं इन लोगों से सबसे ज्यादा घृणा करता हूँ! देर-सबेर ये लोग मेरे शहर से कट जाएँगे। मेरा इरादा यह है : मैं उन लोगों को चाहता हूँ जो उत्कंठा से मुझे चाहते हैं, और केवल वे, जो सच्चे हृदय से मेरी खोज करते हैं, मुझे प्रसन्न कर सकते हैं। ये वे लोग हैं, जिन्हें मैं निश्चित रूप से अपने हाथों से सहारा दूँगा, और मैं यह सुनिश्चित करूँगा कि उन्हें किसी भी आपदा का सामना न करना पड़े। जो लोग वास्तव में परमेश्वर को चाहते हैं, वे परमेश्वर के हृदय का ध्यान रखेंगे और मेरी इच्छा पूरी करेंगे। तो, तुम लोगों को शीघ्र ही वास्तविकता में प्रवेश करना चाहिए और मेरे वचन को अपने जीवन के रूप में स्वीकार करना चाहिए—यह मेरा सबसे बड़ा बोझ है। यदि सभी कलीसियाएँ और संत वास्तविकता में प्रवेश करते हैं और वे सब मेरे साथ सीधे संगति करने में सक्षम होते हैं, मेरे साथ आमने-सामने आ सकते हैं और सत्य और धार्मिकता का अभ्यास कर सकते हैं, तो केवल तभी वे मेरे प्यारे पुत्र होंगे, ऐसे लोग, जिनसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ। इन लोगों को मैं सभी महान आशीष प्रदान करूँगा।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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