592 लापरवाही से काम करना कर्तव्यपालन नहीं है

1 लापरवाही से काम करना कर्तव्य के लिए अभिशाप है। यदि तुम केवल बिना मन लगाए काम करते हो, तो सही तरह से अपना कर्तव्य नहीं निभा पाओगे। तुम्हें इसमें अपना दिल लगाना होगा! किसी को अपना कर्तव्य निभाने का मौका मिलना एक दुर्लभ चीज़ है, और अगर वे परमेश्वर का दिया ऐसा मौका हाथ से जाने देते हैं, तो वह खो जाता है। यदि वे किसी दिन फिर से अपना कर्तव्य निभाने का मौका तलाशते हैं, तो यह आसान नहीं होगा; वास्तव में, यह भी हो सकता है कि वैसा अवसर बिलकुल भी न आए। परमेश्वर का काम किसी का इंतजार नहीं करता, न कर्तव्य निभाने का अवसर ही किसी का इंतजार करता है। जीवन में कई अवसर नहीं मिलते, इसलिए तुम्हें उन्हें हाथ से जाने नहीं देना चाहिए।

2 कुछ लोग पूरे दिल से अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करते, और वे जो कुछ भी करते हैं, बिना किसी परवाह के एक आँख मूँदकर ऐसा करते हैं। वे अपने काम में जरा भी ईमानदार नहीं हैं। कुछ करने के लिए कहे जाने पर वे थोड़ा प्रयास करते हैं, और जब उन पर नज़र रखी जाती है, तो उनका काम थोड़ा बेहतर होता है, जब नज़र नहीं रखी जाती तो ख़राब होता है—और वे मानते हैं कि ऐसा करते हुए उन्हें कोई नहीं देख रहा। पर समय के साथ अन्य लोग उन्हें समझ जाएँगे और उनके बारे में जान जाएँगे। उन्होंने अपनी गरिमा और निष्ठा को पूरी तरह से त्याग दिया है। कोई उन पर भरोसा नहीं कर सकता, तो परमेश्वर कैसे कर सकता है? ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

3 अगर कोई व्यक्ति अपना कर्तव्य निभाते समय हमेशा दिखावे के लिए काम करता है, और अगर परमेश्वर के प्रति उसका रवैया लगातार लापरवाही भरा है, तो वह बड़े खतरे में है! जान बूझकर धोखेबाज़ बनने के दुष्परिणाम क्या हैं? अल्पावधि में, तुम्हारा स्वभाव भ्रष्ट होगा, तुम पश्चाताप किए बिना लगातार अपराध करोगे, न तुम सत्य का अभ्यास करने का तरीका सीखोगे, और न ही इसे अमल में लाओगे। लंबी अवधि में, जैसे जैसे तुम वो चीज़ें करते रहोगे, हो सकता है कि तुम बड़ी गलतियाँ न करो, लेकिन छोटी गलतियों का कोई अंत न होगा। अंत में, यह तुम्हें ऐसे परिणामों की ओर ले जाएगा जिन्हें सुधारा नहीं जा सकता। जो परिणाम तुम चाहते हो, वह अब नहीं होगा!

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, जीवन में प्रवेश कर्तव्य निभाने से प्रारंभ होता है से रूपांतरित

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