906 परमेश्वर के अधिकार को मापना संभव नहीं
1
परमेश्वर का अधिकार कभी जलता-बुझता नहीं, ये आता-जाता नहीं।
है कितना मजबूत ये, है कितना महान, ये कोई नाप सकता नहीं।
जब परमेश्वर करे कोई वादा, चाहे जो भी करे वो इंसान
वह जहाँ भी रहे, जो भी हो पृष्ठभूमि,
वादे से पहले या उसके बाद, इसके नहीं कोई मायने, परमेश्वर जाने सबकुछ।
चाहे जितनी भी बदल जाए उसकी ज़िंदगी परमेश्वर जानता है सबकुछ।
चाहे जितनी भी बदल जाए उसकी ज़िंदगी परमेश्वर जानता है सबकुछ।
परमेश्वर जब देता आशीष किसी को,
चाहे जितना समय, जितना समय गुज़र जाये, आशीष ये बना रहेगा।
साबित ये करे परमेश्वर के असीम अधिकार को।
इससे देख पाये हर एक इंसान सृष्टिकर्ता की जीवन-शक्ति को
जो भव्य है, अक्षय है, जो बार-बार प्रकट होती है।
2
परमेश्वर को कुछ भी कहें चाहे जितना समय गुज़र जाये,
उसे लगे ये बात है बस कल की, लगे ये बात है कल की।
सामर्थ्य और अधिकार से, परमेश्वर को सबका ध्यान रहे।
कर सकता वो नियंत्रित और साकार
अपना किया हर वादा, अपना किया हर वादा।
चाहे वो हो कोई भी वादा, उसे पूरा करने में समय लगे जितना,
कितना भी बड़ा उसका हो दायरा, कितना भी बड़ा हो उसका दायरा।
परमेश्वर का वादा, होगा पूरा।
हाँ, ये सदा होगा पूरा। हाँ, ये सदा होगा पूरा।
परमेश्वर जब देता आशीष किसी को,
चाहे जितना समय, जितना समय गुज़र जाये, आशीष ये बना रहेगा।
साबित ये करे परमेश्वर के असीम अधिकार को।
इससे देख पाये हर एक इन्सान सृष्टिकर्ता की जीवन-शक्ति को
जो भव्य है, अक्षय है, जो बार-बार प्रकट होती है।
3
परमेश्वर अपना वादा पूरा करेगा, उसके लिए ये कठिन नहीं ज़रा-भी।
साबित करे ये उसका सामर्थ्य और अधिकार
करता वो इंसान और कायनात का नियंत्रण, इंसान और कायनात का नियंत्रण।
परमेश्वर जब देता आशीष किसी को, चाहे जितना समय,
जितना समय गुज़र जाये, आशीष ये बना रहेगा।
साबित ये करे परमेश्वर के असीम अधिकार को।
इससे देख पाये हर एक इन्सान सृष्टिकर्ता की जीवन-शक्ति को
जो भव्य है, अक्षय है, जो बार-बार प्रकट होती है, जो बार-बार प्रकट होती है।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I से रूपांतरित