292 परमेश्वर के प्रेम ने मेरे दिल को पिघला दिया है

1

हे परमेश्वर! मैंने तेरी वाणी सुनी है और मैंने संकल्प लिया है और यह निश्चय किया है कि मैं तेरे समक्ष लौटकर आऊँगी।

तेरे वचन मुझे उजागर, मेरा न्याय करते हैं, मैं देख चुकी हूँ कि मैं कितनी भ्रष्ट हूँ।

मैंने केवल पुरस्कार पाने के लिये प्रभु में विश्वास रखा, मैंने स्वर्ग के राज्य के आशीष पाने के लिए दुख उठाए।

कितनी ही बार मैंने तेरे उद्धार को नकारा; मैंने तेरी आलोचना, तेरा विरोध भी किया।

फिर भी तूने मुझे माफ़ कर दिया, लेकिन मैंने उसके बावजूद तुझे बहुत पीड़ा पहुँचाई।

मुझे इस बात से घृणा हो गई कि मैं कितनी ज़िद्दी हूँ, मैं विवेक और समझ से विहीन हूँ।


2

हे परमेश्वर! तेरे वचनों के न्याय ने मेरे दिल को जगा दिया है।

बहुत बार, तेरे प्रेम के सामने, मेरा दिल पीड़ा और पश्चाताप से भर गया।

मेरी ताड़ना के दौरान, तू मेरे साथ होता है; मेरे शुद्धिकरण के दौरान, तेरा दिल मेरे लिए दुखी होता है।

तेरे वचन मेरे अंदर की कमी को पूरा करते हैं, जब मैं उदास होती हूँ, तो तेरे वचन मुझे सुकून देते हैं।

मैं इतनी मलिन हूँ, भ्रष्ट हूँ, मैं अच्छी तरह से जानती हूँ कि मैं तेरे प्रेम के लायक नहीं हूँ।

मैं बहुत अवज्ञाकारी और विद्रोही हूँ, मुझे तेरे न्याय और शुद्धिकरण को और भी अधिक स्वीकार करना चाहिए।


3

हे परमेश्वर! तेरा देहधारण तेरे प्रेम को प्रकट करता है।

तू इंसान को बचाने के लिए भयंकर अपमान सहता है।

तू इंसान की अस्वीकृति की पीड़ा को सहता है, लेकिन तू कभी दुनिया के सूनेपन की शिकायत नहीं करता।

तू बोलता और काम करता है, हर तरह के अत्याचार सहता है, तेरे विश्राम के लिए कहीं जगह नहीं है।

तूने कभी पारिवारिक सुख का आनंद नहीं लिया। कोई तुझे थोड़ा-सा भी स्नेह नहीं देता।

दीन और अदृश्य रहकर, तू लोगों को शुद्ध करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए सत्य व्यक्त करता है।


4

हे परमेश्वर! तेरा प्रेम बहुत वास्तविक है, इसने मेरे हृदय को पिघला दिया है।

तू धैर्यपूर्वक इंसान के पश्चाताप की प्रतीक्षा करता है—मैं अब और देरी कैसे कर सकती हूँ?

मैंने तेरे प्रेम का इतना आनंद लिया है, मुझे तेरी इच्छा के प्रति और भी विचारशील होना चाहिए;

मैंने सत्य का अनुसरण करने और अपने कर्तव्य को अच्छे से निभाने, और तेरे प्रेम का प्रतिदान देने का संकल्प करती हूँ।

मैं परीक्षण और शुद्धिकरण को सहने, और तुझे संतुष्ट करने के लिए गवाही देने को तैयार हूँ।

मैं सच में तुझसे प्रेम करूँगी और तेरे वचनों के अनुसार जियूँगी; मैं सदा तेरा अनुसरण और तेरी गवाही दूँगी।

पिछला: 291 सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रेम परम निर्मल है

अगला: 293 केवल परमेश्वर ही सर्वश्रेष्ठ है

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें