1020 परमेश्वर के सभी लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं
1
परमेश्वर का देश देखो शासन सबपे उसका।
सॄष्टि के आरंभ से आज के दिन तक,
परमेश्वर द्वारा मार्गदर्शित, उसके पुत्र, गुज़रे हैं कई कठिनाइयों से।
गुज़रे हैं कई उतार-चढ़ावों से। अब उसकी रोशनी में हैं वो रहते।
कौन है रोता नहीं कल के अन्याय पे?
किसके आँसू बहते नहीं मेहनत से जीती आज की ज़िंदगी के लिए?
कौन है जो चाहे नहीं परमेश्वर को दिल सौंप दे?
किसको अरमां नहीं जुनूं, तजुर्बे को बयाँ करे?
2
लोग परमेश्वर को देते सर्वश्रेष्ठ। कुछ अपनी ग़लती पर पछताए।
स्वयं से घृणा करते कुछ बीते कल के अपने लक्ष्यों के लिए।
खुद को पहचाना है उन्होंने, देखे हैं शैतान के काम परमेश्वर के चमत्कार।
परमेश्वर दिल में उनके रहता,
इंसान के बीच घृणा या त्याग का नहीं सामना करना पड़ेगा परमेश्वर को,
क्योंकि उसका काम हुआ है पूरा, उसके काम में है नहीं अब कोई भी बाधा।
कौन है रोता नहीं कल के अन्याय पे?
किसके आँसू बहते नहीं मेहनत से जीती आज की ज़िंदगी के लिए।
कौन है जो चाहे नहीं परमेश्वर को दिल सौंप दे?
किसको अरमां नहीं जुनूं, तजुर्बे को बयाँ करे?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 18 से रूपांतरित