28 परमेश्वर की भेड़ें सुन सकती हैं उसकी वाणी
1
दिन ख़त्म हो जाएँगे; दुनिया समाप्त हो जाएगी, हर चीज़ नया जन्म लेगी। इसे भूलना नहीं!
अस्पष्ट न रहो! धरती और स्वर्ग गुज़र जाएँगे, पर ईश-वचन सदा रहेंगे!
वो फिर तुम्हें प्रेरित करे:
न भागो बेकार में! जागो, करो प्रायश्चित, मिलेगा उद्धार तुम्हें!
ईश्वर आ चुका है बीच तुम्हारे। हाँ, उदित हो चुकी है ईश-वाणी।
आत्मा कलीसियाओं से बोले। अगर कान हों तो सुनो! जो ज़िंदा हैं वो स्वीकारें!
खाओ-पियो उसके वचन, उन वचनों पे शक न करो।
धन्य हो जाएँगे उसके वचन मानने-सुनने वाले।
2
हाँ, उदित हो चुकी है ईश-वाणी; हर दिन नयी और ताज़ा है ये।
तुम ईश्वर को देखो, वो तुम्हें देखे; वो निरंतर बोले तुमसे।
फिर भी तुम नकारो उसे, न जानो उसे।
ईश्वर की भेड़ सुने उसकी वाणी, फिर भी हिचको तुम लोग!
शैतान तुम्हें अंधा करे, भावहीन है दिल तुम्हारा।
तुम देख न पाओ ईश्वर का गौरवशाली चेहरा।
कितना दयनीय है! अब इंतज़ार न करो,
ईश्वर की भेड़ सुने उसकी वाणी।
ईश्वर के सिंहासन के सामने मौजूद सात आत्माएँ
भेजी जातीं धरती पर चहुँ-ओर।
ईश्वर भेजेगा दूत, कलीसियाओं से बोलने के लिए।
धार्मिक, वफ़ादार है ईश्वर; ईश्वर इंसान के दिल की गहराइयों में झाँके।
आत्मा कलीसियाओं से बोले। अगर कान हों तो सुनो! जो ज़िंदा हैं वो स्वीकारें!
खाओ-पियो उसके वचन, उन वचनों पे शक न करो।
धन्य हो जाएँगे उसके वचन मानने-सुनने वाले।
3
जो ईश्वर का चेहरा खोजें सच्चाई से, वो नयी रोशनी और ज्ञान पाएँ।
आकर उसके वचन, खोलेंगे आध्यात्मिक नयन तुम्हारे।
देखोगे आत्मा की दुनिया के रहस्यों को, देखोगे राज्य है बीच तुम्हारे।
बस शरण में चले जाओ, पूरा अनुग्रह होगा तुम पर।
अकाल, महामारी, जानवर अहित न करेंगे, न छुएंगे।
तुम ईश्वर के संग चलोगे-फिरोगे, साथ में महिमा में प्रवेश करोगे।
आत्मा कलीसियाओं से बोले। अगर कान हों तो सुनो! जो ज़िंदा हैं वो स्वीकारें!
खाओ-पियो उसके वचन, उन वचनों पे शक न करो।
धन्य हो जाएँगे उसके वचन मानने-सुनने वाले, सुनने वाले।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 15 से रूपांतरित