23 परमेश्वर के वचन करते हैं चमत्कार

1

देह बने हो तुम, इंसान के बीच चलने को,

लाये हमारे लिए अनंत जीवन का मार्ग।

हे परमेश्वर, सत्य सारे वचन तुम्हारे,

ले जाते हैं हमें जीवन में सही पथ पर।

अधिकार है सभी वचनों में तुम्हारे,

हमारी भ्रष्टता का न्याय कर साफ़ करते उसे।

तुम्हारा प्रेम बसा हमारे दिल में,

तुम्हारे उद्धार की हम स्तुति करते।

तुम्हारे वचनों के सिंचन से

हमारा विकास अलग नहीं हो सकता।

तुमने पाया है हमारा अस्तित्व,

तुम्हारे प्रेम से भरकर, तुम्हारे लिए गाते हैं हम।


सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारी स्तुति करते हम सदा।

जीवन और मृत्यु के हर क्षण,

तुम्हारे वचन करते हैं बड़े चमत्कार,

तुम्हारी बुद्धि और प्रताप की है हर गवाही।

तुम्हारे वचन हैं सत्य और पूरी करते हैं सभी चीज़ें;

विजेताओं का एक समूह बनाया जाता है।

पूरी कायनात गाती स्तुति तुम्हारी,

स्तुति के स्वर कभी बंद होंगे नहीं।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारी स्तुति करते हम सदा।


2

स्वर्ग से ऊंची है तुम्हारी धार्मिकता,

तुम्हारे कोप में जलता है दुष्टता का युग।

तुम्हारे वचन प्रकट करते तुम्हारी सर्वशक्तिमत्ता,

बनाते हैं स्वर्ग-धरा में सब कुछ नया।

पूरी तरह महिमा पायी है तुमने,

शैतान और तमाम शत्रुओं को हराया है।

सिंहासन के सामने आते हैं तुम्हारे सभी लोग,

तुम्हारी प्रचुरता का आनंद लेते, तुम्हारे कर्मों के गुण गाते हैं।

तुम्हारे वचनों के सिंचन से

हमारा विकास अलग नहीं हो सकता।

तुमने पाया है हमारा अस्तित्व,

तुम्हारे प्रेम से भरकर, तुम्हारे लिए गाते हैं हम।


सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारी स्तुति करते हम सदा।

जीवन और मृत्यु के हर क्षण,

तुम्हारे वचन करते हैं बड़े चमत्कार,

तुम्हारी बुद्धि और प्रताप की है हर गवाही।

तुम्हारे वचन हैं सत्य और पूरी करते हैं सभी चीज़ें;

विजेताओं का एक समूह बनाया जाता है।

पूरी कायनात गाती स्तुति तुम्हारी,

स्तुति के स्वर कभी बंद होंगे नहीं।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारी स्तुति करते हम सदा।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारी स्तुति करते हम सदा।

पिछला: 22 सर्वशक्तिमान परमेश्वर का आना कितना अद्भुत है

अगला: 24 हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम कितने महिमावान हो

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें