24 हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम कितने महिमावान हो
1
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत दिनों के मसीह,
तुम हो उद्धारक जो आया फिर से।
तुमने सत्य व्यक्त किया, अंत समय का
न्याय शुरू किया है।
साफ़ करते तुम्हारे वचन इंसान को
है सामर्थ्य और अधिकार उनमें।
वे हैं सत्य और बताते हैं,
पवित्र और धर्मी हो तुम।
पुरानी दुनिया, सभी देश
और लोगों का तुम न्याय करते हो।
शैतान को हराते हुए,
तुम्हारे वचन सब पूरा करते हैं।
स्तुति हो तुम्हारी, तुम हो महिमावान।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अद्भुत हैं कर्म तुम्हारे।
नाचते हैं ख़ुशी से, सभी लोग और चीज़ें,
महिमा पायी सर्वशक्तिमान ने, वे स्तुति करते हैं।
2
प्रकट होकर काम किया है चीन में तुमने,
जहाँ बड़ा लाल अजगर करता तुम्हारी सेवा।
पूरी कोशिश करता शैतान विरोध की,
पर हार कर होता शर्मिंदा।
बनाया है तुमने विजेताओं का एक समूह,
जो कष्टों में भी गवाही देता।
निष्ठा पूरी है अपने फ़र्ज़ में,
तुम्हें प्रेम करते, कहा मानते लोग तुम्हारे।
तुम्हारे काम ने जीता है शैतान को,
पूरी तरह महिमा पायी है तुमने।
धरा पर प्रकट हुआ है राज्य तुम्हारा।
सभी देश करते तुम्हारी आराधना।
स्तुति हो तुम्हारी, तुम हो महिमावान।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अद्भुत हैं कर्म तुम्हारे।
नाचते हैं ख़ुशी से, सभी लोग और चीज़ें,
महिमा पायी सर्वशक्तिमान ने, वे स्तुति करते हैं।
3
जीतता है कार्य ईश्वर का, सिय्योन वो लौटेगा।
उसके ही हैं उसके चुने लोग, पाते हैं वो उद्धार,
दुनिया में फैलता काम उसका, आती है बड़ी आपदा।
बुराई मिट जायेगी, बस उसके लोग ही बचेंगे।
जो नहीं करते उसे स्वीकार, वे नहीं बचेंगे।
उसके तख़्त के आगे लौटे हैं सभी देश,
सभी पूरे दिल से उसकी स्तुति करते हैं।
स्तुति हो तुम्हारी, तुम हो महिमावान।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अद्भुत हैं कर्म तुम्हारे।
नाचते हैं ख़ुशी से, सभी लोग और चीज़ें,
महिमा पायी सर्वशक्तिमान ने, वे स्तुति करते हैं।