59 सत्य को स्वीकार करना बुद्धिमान कुँवारी होना है

1

कई वर्षों तक प्रभु में विश्वास रखते हुए, मैं उसके नाम से चिपका रहा, इस उम्मीद में कि मेरा स्वर्गारोहण होगा।

मैंने सोचा कि अगर मैंने प्रभु में विश्वास रखा और मेरे पाप क्षमा कर दिए गए, तो मुझे पुरस्कार मिलेगा।

मैंने अनुग्रह द्वारा उद्धार के सपने देखे, इस कामना के साथ कि एक ही कदम में मैं आकाश में चढ़कर स्वर्गिक राज्य में प्रवेश कर सकता हूँ।

वास्तव में प्रभु यीशु की भविष्यवाणियों के सच्चे मायने कोई नहीं समझता।

लोग पौलुस की बातों के आधार पर अपने सपने बुन लेते हैं।

वे व्यर्थ आशा करते हैं कि प्रभु अचानक किसी बादल पर सवार होकर आएगा।

उनकी आँखें महाआपदा को देखती हैं, लेकिन फिर भी वे प्रभु के रूप को नहीं निहारते।

वे नहीं जानते कि प्रभु यीशु के वचन बहुत पहले ही पूरे हो चुके हैं।

मूर्ख कुँवारियाँ अपनी धारणाओं से चिपकी रहती हैं, परमेश्वर की वाणी अनसुनी करती हैं,

और इस तरह वे स्वार्गारोहण का मौका गँवा देती हैं, और वे बेहद पछताएँगी।


2

अंत के दिनों का मसीह इंसान का न्याय और शुद्धिकरण करते हुए सत्य व्यक्त करता है।

बुद्धिमान कुँवारियाँ परमेश्वर की वाणी सुनती हैं, और परमेश्वर के प्रकटन का स्वागत करती हैं।

वे परमेश्वर के वचनों को खाती-पीती हैं और मेमने के विवाह-भोज में शामिल होती हैं।

वे परमेश्वर के वचनों से सत्य समझती हैं और परमेश्वर का चेहरा देखती हैं।

न्याय का अनुभव करके, वे देखती हैं कि परमेश्वर का स्वभाव पवित्र और धार्मिक है।

लोग बेहद भ्रष्ट हैं, अवज्ञा से लबालब भरे हैं, और स्वर्गिक राज्य में प्रवेश करने लायक नहीं हैं।

परमेश्वर के न्याय को स्वीकार करके और शुद्ध किए जाकर ही लोग पूरी तरह बचाए जा सकते हैं।

परमेश्वर अपना विरोध करने वाले पाखंडियों को जरूर शाप देगा।

मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है, और यह कभी नहीं बदलेगा।

केवल वही परमेश्वर का आज्ञापालन करने वाले लोग हैं, जो मसीह का अनुसरण करते हैं और अपना कर्तव्य निभाते हैं।

केवल वही लोग पूर्ण बनाए जा सकते हैं, जो परमेश्वर से सचमुच प्रेम करते हैं और उसकी गवाही देते हैं।

पिछला: 58 घर की ओर गमन

अगला: 60 हम सभी पीढ़ियों में सबसे धन्य हैं

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें