48 पूरी कायनात बिलकुल नई है
1
परमेश्वर के राज्य में उसके मुख से वचन निकलें,
धरती पर वो हर जगह चले।
विजय पा ली उसने सारी जगहों पर,
इस सारी मैली-गंदी भूमि पर।
स्वर्ग ही नहीं, धरती भी बदल रही है,
जल्दी ही नई हो जाएगी।
पूरी कायनात है नई, परमेश्वर की महिमा में।
सबके लिए क्या अद्भुत नज़ारा है!
लगता है इंसान अपनी कल्पना के स्वर्ग में जीता है,
शैतान की बाधाओं, शत्रु के हमलों से आज़ाद।
2
कायनात में परमेश्वर के हुक्म से,
अनगिनत सितारे अपनी जगह लेते हैं,
अंधकार के समय आसमान से
अपनी रोशनी बिखेरते हैं।
किसी में हिम्मत नहीं नाफ़रमानी करने की।
पूरी कायनात है नई, परमेश्वर की महिमा में।
सबके लिए क्या अद्भुत नज़ारा है!
लगता है इंसान अपनी कल्पना के स्वर्ग में जीता है,
शैतान की बाधाओं, शत्रु के हमलों से आज़ाद।
3
परमेश्वर के पवित्र आदेश से कायनात है पूर्ण व्यवस्थित।
कोई बाधा डालने की हिम्मत न करे;
ये एकता कभी टूटी नहीं।
परमेश्वर के पवित्र आदेश से कायनात है पूर्ण व्यवस्थित।
कोई बाधा डालने की हिम्मत न करे;
ये एकता कभी टूटी नहीं।
पूरी कायनात है नई, परमेश्वर की महिमा में।
सबके लिए क्या अद्भुत नज़ारा है!
लगता है इंसान अपनी कल्पना के स्वर्ग में जीता है,
शैतान की बाधाओं, शत्रु के हमलों से आज़ाद।
पूरी कायनात है नई, परमेश्वर की महिमा में।
सबके लिए क्या अद्भुत नज़ारा है!
लगता है इंसान अपनी कल्पना के स्वर्ग में जीता है,
शैतान की बाधाओं, शत्रु के हमलों से आज़ाद।
पूरी कायनात है नई, परमेश्वर की महिमा में।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 15 से रूपांतरित