47 केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही शाश्वत पुनर्जीवित जीवन है

पर्वत और नदियां बदलें,

जलधाराएं अपनी दिशा में बहें,

इंसान का जीवन आसमान और धरा जितना स्थायी नहीं।

केवल सर्वशक्तिमान ईश्वर सदा जीवित रहता है,

वह शाश्वत पुनर्जीवित जीवन है।


1

सब उसके हाथों में है, शैतान उसके कदमों के नीचे।

ईश्वर के पहले से किए गए चुनाव की वजह से

उसने हमें अब शैतान के चंगुल से छुड़ा लिया है।

इसलिए, ईश्वर सच में मुक्तिदाता है हमारा।

मसीह का पुनर्जीवित जीवन हममें गढ़ा गया

तो हम ज़रूर ईश-जीवन से जुड़े हैं।

रूबरू हम उसे खाते-पीते और उसका आनंद लेते हैं।

यह ईश्वर की संपूर्ण, निस्स्वार्थ निष्ठा है।


हवा-पाले से गुजरते हुए, बसंत में जाड़ा बदले।

जीवन के कई दर्द, ज़ुल्म और कठिनाइयाँ,

अस्वीकृति, बदनामी, सरकार का उसे फँसाना,

ईश्वर के संकल्प या उसके विश्वास को कम नहीं करते।

अपने जीवन की परवाह छोड़, अपनी इच्छा के लिए,

वो अपने लोगों का सिंचन-पोषण करने को मेहनत करे।

अज्ञानी और कठोर हम हैं पर जो उसकी आज्ञा मानें,

तो उसके वचन और काम

हमारी पुरानी प्रकृति बदल देंगे।


ईश्वर अथक प्रयास करे, खाना-सोना छोड़ दे।

कितने.ही दिन-रात बिताए उसने,

इतनी भीषण गर्मी और कड़ाके की ठंड में,

वह निगरानी करता पूरे दिल से सिय्योन में।


2

खुशी से त्याग देता वो दुनिया, घर और काम,

कोई सांसारिक आनंद उसे छूता तक नहीं।

उसके वचन हमें छूते, हमारे दिल की सच्चाई दिखाते।

तो, हम पूरी तरह आश्वस्त कैसे नहीं हो सकते?

उसके वचन कभी भी हममें साकार हो जाते हैं।

हमारे कर्म सार्वजनिक या गुप्त हों,

वह देखता और जानता है,

वे हमेशा उसके सामने आएंगे,

चाहे जो हो हमारी व्यवस्थाएँ और योजनाएँ।


उसके सामने बैठकर, हमारी आत्माएं आनंद मनाएं,

सुख-शांति से रहें हम, खुद को खाली

और ईश्वर के ऋणी महसूस करें।

अकल्पनीय आश्चर्य है ये।

सर्वशक्तिमान ईश्वर ही सच्चा ईश्वर है।

इसकी पुष्टि करता पवित्र आत्मा।

हम धन्य हैं! केवल सर्वशक्तिमान ईश्वर

ही हमें बचा सकता है!

ईश्वर का अनुग्रह और उसकी दया ना हो तो,

हम शैतान के पीछे-पीछे नर्क जाएंगे।


ईश्वर ने हमारी आध्यात्मिक आंखें खोल दी हैं,

ताकि आध्यात्मिक जगत के रहस्य देख सकें हम।

राज्य के दृश्य अनंत हैं।

सावधान रहो, इंतजार करो, दिन करीब आ गया है।


3

युद्ध की आग भड़के,

बारूद की गंध आए, जलवायु बदले,

मौसम गर्म हो जाए, महामारी फैलेगी और लोग मरेंगे,

जीने की बहुत कम उम्मीद बची है।

हे, सर्वशक्तिमान ईश्वर! तू हमारी मजबूत मीनार है।

तू हमारी शरण है, तेरे पंखों तले हम छिपते हैं।

वहां आपदाएं हम तक नहीं पहुंच सकती हैं।

ये तुम्हारी दिव्य सुरक्षा और देखभाल है।

हम स्तुति गाते हैं, जो सिय्योन में गूंजती है।


सर्वशक्तिमान ईश्वर, व्यावहारिक परमेश्वर

ने महिमामयी मंजिल तैयार की है।

इसलिए सावधान रहो, बहुत सावधान रहो!

क्योंकि अब समय आ गया है,

ज्यादा दूर नहीं, दूर नहीं।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 5 से रूपांतरित

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