987 परमेश्वर की महिमा की अभिव्यक्ति बनने की कोशिश करो
1 हाड़-माँस के सभी लोगों का मार्गदर्शन परमेश्वर ही करता है, फिर भी वे शैतान की दासता में रहते हैं, इसलिए लोगों का आपसी संबंध कभी सामान्य नहीं रहा, फिर चाहे ये कामवासना के कारण हो, श्रद्धा या उनके परिवेश की व्यवस्थाओं के कारण हो। परमेश्वर ऐसे असामान्य संबंधों से बेहद घृणा करता है, ऐसे संबंधों की वजह से ही परमेश्वर के मुख से ऐसे वचन निकलते हैं, "मैं ऐसे जीवित प्राणी चाहता हूँ जो जीवन से भरपूर हों, ऐसे शव नहीं जो मृत्यु में निमग्न हैं। जब मैं राज्य के पटल पर पीठ टिकाता हूँ, तभी मैं पृथ्वी पर सभी लोगों को मेरा निरीक्षण स्वीकार करने की आज्ञा दूँगा।"
2 जब परमेश्वर समूचे ब्रह्माण्ड के ऊपर होता है, तो वह हर दिन हाड़-माँस के लोगों के हर एक कार्यकलाप पर नज़र रखता है, और उनमें से कभी किसी को अनदेखा नहीं किया है। ये परमेश्वर के कर्म हैं। इसलिए मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने विचारों, भावों और कार्यकलापों की जाँच-पड़ताल करें। मैं यह नहीं कहता कि तुम परमेश्वर के लिए शर्म की निशानी बनो, बल्कि परमेश्वर की महिमा की अभिव्यक्ति बनो, अपने सभी कार्यकलापों, वचनों और जीवन में, तुम शैतान के उपहास के पात्र मत बनो। सभी लोगों से परमेश्वर यही अपेक्षा करता है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 20 से रूपांतरित