510 तुम्हें सभी चीज़ों में परमेश्वर की गवाही देनी चाहिए

1

जब अय्यूब का परीक्षण चल रहा था,

तो शैतान ईश्वर से बाज़ी लगा रहा था।

और अय्यूब के साथ जो हुआ, वो

इंसानी कर्म और दखलंदाज़ी थी।

ईश्वर द्वारा तुममें किए जाने वाले

कार्य के हर कदम के पीछे हमेशा

चलती है ईश्वर के साथ शैतान की बाज़ी।

इस सबके पीछे एक जंग होती है।


ईश्वर तुममें जो कार्य करता है

वो महज़ इंसान का आपसी संवाद दिखता है,

मानो ये इंसानी व्यवस्था से पैदा हुआ हो।

मानो ये इंसानी दखलंदाज़ी से पैदा हुआ हो।

लेकिन पर्दे के पीछे, कार्य का हर कदम,

और जो कुछ भी होता है,

वो ईश्वर के सामने शैतान का दाँव होता है,

जो ईश्वर के लिए इंसान की अटल गवाही चाहे।


2

अगर तुम दूसरों के प्रति पूर्वाग्रही हो,

तो तुम कुछ ऐसा कहना चाहोगे

जो ईश्वर को नाराज़ करे।

अगर नहीं कहोगे, तो बेचैन हो जाओगे,

एक जंग छिड़ जाएगी भीतर तुम्हारे।

तुम्हारी हर चीज़ में एक संघर्ष है।

और जब भीतर संघर्ष हो,

तो चूँकि तुम सहयोग करते, दुख उठाते हो,

ईश्वर कार्य करेगा भीतर तुम्हारे।


आख़िरकार तुम मामले को

दरकिनार कर सकते हो अपने भीतर।

गुस्से की आग ख़ुद-ब-ख़ुद निकल जाती है।

ऐसा तब होता जब तुम ईश्वर से सहयोग करो।

एक कीमत चुकानी होती है

इंसान को अपने हर काम में।

बिना वास्तविक दुख उठाए,

इंसान ईश्वर को संतुष्ट न कर पाए।


3

जब आध्यात्मिक जगत में

ईश्वर और शैतान की जंग चले,

तो तुम ईश्वर को कैसे संतुष्ट करोगे,

और मज़बूती से अपनी गवाही दोगे?

जो कुछ तुम्हारे साथ होता है वो

बड़े इम्तहान की घड़ी है, जान लो।

यही वक्त है जब ईश्वर तुमसे

अपने लिए गवाही चाहे।


ईश्वर तुममें जो कार्य करता है

वो महज़ इंसान का आपसी संवाद दिखता है,

मानो ये इंसानी व्यवस्था से पैदा हुआ हो।

मानो ये इंसानी दखलंदाज़ी से पैदा हुआ हो।

लेकिन पर्दे के पीछे, कार्य का हर कदम,

और जो कुछ भी होता है,

वो ईश्वर के सामने शैतान का दाँव होता है,

जो ईश्वर के लिए इंसान की अटल गवाही चाहे।


शायद ये चीज़ें अहम न लगें तुम्हें,

पर ये दिखाएँ प्रेम है या नहीं ईश्वर से तुम्हें।

अगर है, तो उसकी गवाही दे सकते हो तुम।

अगर ईश-प्रेम का अभ्यास नहीं किया,

तो ये दिखाए सत्य का अभ्यास नहीं करते तुम,

सत्य और जीवन से रहित, तुम हो नाकारा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है से रूपांतरित

पिछला: 509 परमेश्वर द्वारा प्राप्त लोगों ने वास्तविकता प्राप्त की है

अगला: 511 ईश्वर की संतुष्टि के लिए हर चीज़ में ईश्वर की गवाही दो

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें