54 अंत के दिनों का मसीह लाया है राज्य का युग
1
जब यीशु जहां में आया,
उसने व्यवस्था के युग का अंत किया,
और अनुग्रह का युग लाया।
अंत के दिनों में ईश्वर दोबारा देह बना,
अनुग्रह के युग का अंत करके वो राज्य का युग लाया।
जो स्वीकारते ईश्वर के दूसरे देहधारण को,
वो ले जाए जाएँगे राज्य के युग में,
ईश-मार्गदर्शन स्वीकारेंगे।
जब इंसान को मिली उसके पापों की क्षमा,
तब ईश्वर उसकी अगुआई करने देह में लौटा।
वो उसे एक नए युग में ले जाएगा।
उसने शुरु कर दिया है न्याय का काम
इंसान को ऊँचे क्षेत्र में ले जाने को।
जो समर्पण करते, वो ऊँचे सत्य का आनंद लेंगे,
ज्यादा बड़े आशीष पाएँगे, सच में रोशनी में जिएँगे।
सत्य, मार्ग और जीवन पाएँगे।
2
यीशु ने काफी काम किया इंसान के बीच।
पर उसने इंसान को छुटकारा
दिलाने का काम ही पूरा किया।
वो इंसान के लिए पापबलि तो बना,
पर उसने इंसान को उसके
भ्रष्ट स्वभाव से नहीं छुड़ाया, नहीं छुड़ाया।
इंसान को शैतान से बचाने के लिए,
यीशु को उसके पाप स्वयं पर लेने पड़े,
शैतान के भ्रष्ट स्वभाव से इंसान को
छुड़ाने के लिए जरूरी था कि ईश्वर और बड़ा काम करे।
जब इंसान को मिली उसके पापों की क्षमा,
तब ईश्वर उसकी अगुआई करने देह में लौटा।
वो उसे एक नए युग में ले जाएगा।
उसने शुरु कर दिया है न्याय का काम
इंसान को ऊँचे क्षेत्र में ले जाने को।
जो समर्पण करते, वो ऊँचे सत्य का आनंद लेंगे,
ज्यादा बड़े आशीष पाएँगे, सच में रोशनी में जिएँगे।
सत्य, मार्ग और जीवन पाएँगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रस्तावना से रूपांतरित