अध्याय 86

लोग कहते हैं कि मैं एक दयालु परमेश्वर हूँ; वे कहते हैं कि मैंने जिसे भी बनाया है, उसके लिए मैं उद्धार लाऊँगा। ये सभी बातें मानव जाति की धारणाओं के आधार पर कही जाती हैं। यह कि मैं एक दयालु परमेश्वर हूँ, जो मेरे पहलौठे पुत्रों के लिए कहा जाता है और मैं सभी का उद्धार करूँगा, यह मेरे पुत्रों और मेरे प्रजाजनों के लिए कहा जाता है। क्योंकि मैं एक बुद्धिमान परमेश्वर हूँ, यह बात मेरे मन में स्पष्ट है कि मैं किन लोगों से प्यार करता हूँ और किनसे नफ़रत करता हूँ। जिन लोगों से मैं प्यार करता हूँ, उन्हें मैं हमेशा अंत तक प्यार करूँगा और यह प्यार कभी नहीं बदलेगा। जिन लोगों से मैं नफ़रत करता हूँ, उनके लिए मेरा दिल थोड़ा भी नहीं पसीजता, चाहे वे कितने भी अच्छा व्यवहार करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे मुझसे पैदा नहीं हुए हैं और उनमें मेरे गुण नहीं हैं या मेरा जीवन नहीं है। दूसरे शब्दों में, वे मेरे द्वारा पूर्वनिर्धारित और चुने हुए नहीं थे, क्योंकि मैं अचूक हूँ। अर्थात मेरे सभी कर्म पवित्र और सम्मानजनक कहलाते हैं और मुझे कभी कोई पछतावा नहीं होता है। लोगों की निगाहों में, मैं बहुत निर्मम हूँ-लेकिन क्या तुम नहीं जानते कि मैं स्वयं धार्मिक और प्रतापी परमेश्वर हूँ? मेरा सब कुछ सही होता है; जिनसे मैं नफ़रत करता हूँ, वे निश्चित रूप से मेरे शाप को प्राप्त करेंगे और जिन्हें मैं प्यार करता हूँ उन्हें निश्चित रूप से मेरे आशीर्वाद प्राप्त होंगे। यह मेरा पवित्र और अकाट्य स्वभाव है और कोई भी इसे नहीं बदलेगा। यह परम सत्य है!

आज, जो वास्तव में मेरी इच्छाओं के अनुसार हैं, वे निश्चित रूप से मेरे द्वारा परिपूर्ण किए जाएँगे, क्योंकि मेरा काम स्पष्ट और पूर्ण दोनों है और मैं कुछ भी अधूरा नहीं छोड़ता। जिन्हें मैं शाप देता हूँ, उन्हें भस्म किया जाएगा। तो ऐसा क्यों है कि अधिकांश लोगों को मैंने शाप दिए हैं और फिर भी पवित्र आत्मा अभी उन पर कार्य कर रहा है (यह मेरे एक गंदे मंदिर में न रहने के संबंध में कहा गया है)? क्या तुम लोग उन सभी मामलों और चीज़ों के पीछे कहावत के सच्चे अर्थ को समझते हो, जो मसीह के लिए सेवा प्रदान करती हैं? जब मैं उनकी सेवा का उपयोग करता हूँ, तो पवित्र आत्मा उनके माध्यम से अपना कार्य करता है, लेकिन आमतौर पर जब वे मेरी सेवा में नहीं होते हैं, तो वे मूल रूप से आध्यात्मिक प्रबुद्ध नहीं होते हैं। यहां तक कि यदि वे खोजते भी हैं, तो वे ऐसा जोश के कारण करते हैं और यह शैतान की चाल होती है—क्योंकि सामान्य समय में, वे मेरे कार्य पर बिलकुल ध्यान नहीं देते और वे मेरे बोझ के बारे में पूरी तरह असंवेदनशील होते हैं। अब मेरे पहलौठे पुत्र बड़े हो गए हैं, इसलिए मैं इन्हें दूर भगा रहा हूँ; इस कारण मेरा आत्मा हर जगह से वापस लौट आया है और मेरे पहलौठे पुत्रों पर विशेष ज़ोर दिया गया है। क्या तुम समझते हो? सभी चीज़ें मेरे कर्मों पर निर्भर करती हैं, मेरे पूर्वनिर्धारण पर निर्भर करती हैं और उन सभी वचनों पर निर्भर करती हैं, जो मेरे मुँह से निकलते हैं। मेरे आशीर्वाद प्राप्त करने वाले सभी स्थान निश्चित तौर पर वे स्थान हैं, जहाँ मैं कार्य करता हूँ और वे स्थान भी जहाँ मेरा कार्य क्रियान्वित किया गया है। चीन वह राष्ट्र है, जहां शैतान की सबसे अधिक उपासना की जाती है, इसलिए मैंने इसे शाप दे दिया है। इसके अलावा, यही वह देश भी है, जिसने मुझे सबसे अधिक सताया है। मैं निश्चित रूप से उन लोगों पर कार्य नहीं करूँगा जो बड़े लाल अजगर के प्रभाव में हैं। क्या तुम मेरे वचनों का सही अर्थ समझते हो? आखिरकार, मेरे पुत्र और मेरे प्रजाजन कम हैं। सब कुछ बिलकुल मेरे हाथों में है; ऊर्जा को केंद्रित होना चाहिए और उन लोगों पर अधिक प्रयास लगाने चाहिए, जिन्हें मैंने चुना है और पूर्वनिर्धारित किया है। कहने का अर्थ है, जो मेरे पहलौठे पुत्र हैं, उन्हें जल्दी करनी चाहिए और अभ्यास करना चाहिए ताकि वे मेरे कंधों के बोझ को जितनी जल्दी हो सके हल्का कर सकें और मेरे कार्य में अपने सभी प्रयास लगा सकें।

मेरे लिए सेवा करने वालों, सुनो! मेरी सेवा करते समय तुम मेरा कुछ अनुग्रह प्राप्त कर सकते हो। अर्थात, तुम लोग मेरे बाद के काम और भविष्य में होने वाली चीजों के बारे में कुछ समय के लिए जानोगे-लेकिन तुम बिलकुल ही इनका आनंद नहीं भोगोगे। यह मेरा अनुग्रह है। जब तुम्हारी सेवा पूरी हो जाती है, तो तुरंत चले जाओ, ठहरे न रहो। तुममें से जो मेरे पहलौठे पुत्र हैं, वे घमंडी न बनें, लेकिन तुम गर्व कर सकते हो क्योंकि मैंने तुम लोगों को अनंत आशीर्वाद प्रदान किए हैं। तुममें से जो विनाश के लक्ष्य हैं, खुद पर परेशानी न लाओ या अपने भाग्य के लिए दुख महसूस न करो। क्या तुम शैतान के वंशज नहीं हो? मेरे लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद तुम अथाह कुंड में लौट सकते हो, क्योंकि तुम अब मेरे लिए किसी काम के नहीं रहोगे। फिर मैं तुम लोगों से अपनी ताड़ना के साथ निपटना शुरू कर दूँगा। एक बार जब मैं अपना काम शुरू कर दूँगा तो मैं अंत तक जाऊंगा; मेरे कर्म पूरे किए जाएंगे और मेरी उपलब्धियां हमेशा के लिए बनी रहेंगी। यह मेरे पहलौठे पुत्रों, मेरे बेटों और मेरे प्रजाजनों पर लागू है और यह तुम लोगों के लिए भी है : तुम लोगों के लिए मेरी ताड़नाएँ हमेशा के लिए होंगी। मैंने तुम लोगों को पहले कई बार बताया है कि मेरा विरोध करने वाले बुरे लोग निश्चित रूप से मेरे द्वारा प्रताड़ित किए जाएँगे। यदि मेरा विरोध करने के बाद तुम्हें पवित्र आत्मा की डांट नहीं पड़ती, तो तुम पहले ही शापित हो और उसके बाद तुम मेरे हाथ से मारे जाओगे। यदि तुम पवित्र आत्मा के अनुशासन को उस समय प्राप्त करते हो, जब तुम मेरे बारे में बुरे विचार रखते हो, तो तुमने मेरा आशीर्वाद प्राप्त किया है; हालाँकि तुम्हें हमेशा सावधान रहना चाहिए, कभी लापरवाह नहीं बनना चाहिए और कभी भी असावधान नहीं होना चाहिए।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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