174 परमेश्वर का अनुसरण बहुत बारीकी से करो
1
रात गहरी और ख़ामोश है; बाहर, कुत्ते भौंकते हैं, सायरन बजते हैं।
मेरे दिल में डर है; मुझे किसी भी समय गिरफ़्तार करके जेल में डाला जा सकता है।
मैं घर से भागती हूँ, इस बात से बेख़बर कि मुझे कहाँ आश्रय मिलेगा।
मानव अधिकारों से वंचित, मैं बहुत उत्पीड़न और मुसीबत सहती हूँ।
दरिंदों के इस किले में, शैतान के हाथों में सत्ता है; कितना अंधेरा है।
इंसानों के बीच प्रकाश और सत्य पर पाबंदी है।
बड़ा लाल अजगर इंसान को हमेशा के लिए कब्ज़े में रखने की व्यर्थ आशा करता है,
लोगों को सच्चे परमेश्वर की आराधना करने और सही मार्ग पर चलने से रोकता है।
"आस्था की स्वतंत्रता" के झूठ पर मुझे आक्रोश है।
मुझे उम्मीद है कि मसीह का राज्य जल्द ही आएगा।
2
अंधेरी रात में, परमेश्वर के वचन हमें कदम-दर-कदम राह दिखाते हैं।
उत्पीड़न के दौरान, हमारा विश्वास पूर्ण होता है।
परिशोधन के दौरान, हमारे भ्रष्ट स्वभाव शुद्ध होते हैं।
भयंकर यातनाओं के दौरान ही, विजेताओं का समूह बनाया जाता है।
परमेश्वर-जन परमेश्वर का अनुसरण करते हैं, यह जानते हुए कि किससे प्रेम करना है और किससे नफ़रत।
अविश्वासी केवल जीवन को संजोते हैं और सत्य का त्याग कर देते हैं।
डरपोक लोगों ने अपना चरित्र और गरिमा गँवा दी है।
जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं वे सत्य पाने के लिए अपनी जान दे देते हैं।
बड़ा लाल अजगर परमेश्वर की सेवा के लिये एक वस्तु-मात्र है।
हालाँकि यह बर्बर है, मगर आख़िरकार परमेश्वर इसे तबाह कर देगा।
मुश्किलों में परमेश्वर के वचन मेरे साथ होते हैं; परमेश्वर के अनुग्रह के बारे में सोचती हूँ तो वो मुझे और भी मनोहर लगता है।
ऊबड़-खाबड़ सड़क पर मुझे धार्मिकता के लिए सताया गया, कड़वहाट में भी मिठास है, मैं गौरवान्वित हूँ।
मेरा विश्वास है कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है, और बारीकी से उसका अनुसरण करने के लिये मैं अपना जीवन अर्पित करती हूँ।