996 मार्ग के आखिरी दौर में अच्छी तरह अनुसरण कैसे करें?
याद रखो कि ये वचन बोले गए हैं:
तुम और बड़े क्लेशों से गुजरोगे।
1
पूर्ण किया जाना सरल या आसान नहीं है।
तुम्हारी आस्था
कम से कम अय्यूब जितनी होनी चाहिए।
भविष्य में तुम्हारे परीक्षण अय्यूब से भी बड़े होंगे;
तुम्हें लंबे समय तक ताड़ना सहनी होगी।
अगर तुम्हारी क्षमता बेहतर नहीं हो सकती,
अगर तुममें समझने की क्षमता नहीं,
अगर तुम्हारे पास थोड़ा ही ज्ञान है,
तो उस समय तुम गवाही नहीं दे पाओगे।
तुम एक मजाक और
शैतान के खिलौने बन जाओगे।
अगर तुम अभी दर्शन थाम न सको,
तो तुम्हारी बुनियाद नहीं,
तुम त्याग दिए जाओगे!
2
मार्ग का कोई भी हिस्सा चलने में आसान नहीं,
इसलिए पक्का करो कि तुम इसे हल्के में ना लो।
इस पर ध्यान से सोचो और खुद को तैयार करो,
ताकि आखिरी दौर में तुम सही से चल पाओ।
इसे अनदेखा मत करो। ये मार्ग सबके लिए है,
आगे का मार्ग जिस पर सबको चलना है।
परमेश्वर के वचनों को व्यर्थ ना जानो।
एक दिन तुम सारे वचनों का इस्तेमाल करोगे।
अभी खुद को लैस करो,
अपना रास्ता तुम बनाओ।
अडिग कैसे रहोगे ये चिंता करो।
भविष्य के लिए तैयार रहो,
पेटू या आलसी ना बनो!
3
जरूरत की चीजें पाने के लिए
समय का सदुपयोग करो।
ईश्वर सब देता है तुम्हें ताकि तुम समझ सको।
ज्यादा बड़े क्लेश से सभी लोग
सच्ची समझ हासिल करेंगे।
ये कार्य के कदम हैं।
आज के दर्शन पूरी तरह समझो,
सच्चा आध्यात्मिक कद पाओ,
फिर अपनी कठिनाइयों से न हारोगे;
तुम पाओगे कि तुम उन्हें सह सकते हो।
4
जब ईश्वर कार्य का ये आखिरी कदम पूरा कर लेगा,
जब वह अपने अंतिम वचन कह लेगा,
तब लोगों को अपने-अपने पथ पर चलना होगा।
यह पहले बोले गए वचनों को पूरा करेगा:
आत्मा के पास हर इंसान के लिए कर्तव्य
और तुम सबमें करने के लिए काम है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अपने मार्ग के अंतिम दौर में तुम्हें कैसे चलना चाहिए से रूपांतरित