परमेश्वर उन लोगों को क्यों नहीं बचाता, जिनमें बुरी आत्माओं का कार्य है या जो शैतानों के कब्ज़े में हैं?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैंने लंबे समय से दुष्ट आत्माओं के विभिन्न दुष्कर्मों को स्पष्ट रूप से देखा है। और दुष्ट आत्माओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लोगों (गलत इरादों वाले लोग, जो देह-सुख या धन की लालसा करते हैं, जो खुद को ऊंचा उठाते हैं, जो कलीसिया को बाधित करते हैं, आदि) की असलियत भी मैं स्पष्ट रूप से जान गया हूँ। यह मत समझो कि दुष्ट आत्माओं को बाहर निकालते ही सब कुछ खत्म हो जाता है। मैं तुम्हें बता दूँ! अब से, मैं इन लोगों का एक-एक करके निपटारा करूँगा, कभी उनका उपयोग नहीं करूँगा! कहने का तात्पर्य है, दुष्ट आत्माओं द्वारा भ्रष्ट किसी भी व्यक्ति का उपयोग मेरे द्वारा नहीं किया जाएगा, और उसे बाहर निकाल दिया जाएगा! ऐसा मत सोचना कि मैं भावनाविहीन हूँ! जान लो! मैं पवित्र परमेश्वर हूँ, और मैं एक गंदे मंदिर में नहीं रहूँगा! मैं केवल ईमानदार और बुद्धिमान लोगों का उपयोग करता हूँ जो मेरे प्रति पूरी तरह वफ़ादार और मेरे बोझ के प्रति विचारशील हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे लोगों को मेरे द्वारा पूर्वनिर्धारित किया गया था। कोई भी दुष्ट आत्मा उनपर बिलकुल काम नहीं करता है। मुझे यह बात स्पष्ट करने दो: अब से, जिन सब लोगों के पास पवित्र आत्मा का कार्य नहीं है, उनके पास दुष्ट आत्माओं का काम है। मैं एक बार फिर बता दूँ: मैं एक भी ऐसे व्यक्ति को नहीं चाहता जिसपर दुष्ट आत्माएँ काम करती हैं। वे सभी अपनी देह के साथ नरक में डाल दिए जाएँगे!
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 76
वे लोग जिन पर दुष्ट आत्माओं ने एक अवधि के लिए (जन्म के बाद से) कब्ज़ा कर रखा था, उन सभी को अब प्रकट किया जाएगा। मैं तुझे लात मारकर बाहर निकाल दूँगा! क्या तुझे अभी भी वह याद है जो मैंने कहा था? मैं—पवित्र और निष्कलंक परमेश्वर—एक कलुषित और गंदे मंदिर में नहीं रहता हूँ। जो लोग दुष्ट आत्माओं के कब्ज़े में थे, वे खुद जानते हैं, और मुझे स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। मैंने तुझे पूर्वनियत नहीं किया है! तू पुराना शैतान है, फिर भी तू मेरे राज्य में घुसपैठ करना चाहता है! बिलकुल नहीं!
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 81
लोग अक्सर नरक और अधोलोक का उल्लेख करते हैं। किंतु ये दोनों शब्द क्या इंगित करते हैं, और उनके बीच क्या अंतर है? क्या ये सचमुच किसी ठंडे, अंधकारमय कोने को इंगित करते हैं? मानव मस्तिष्क मेरे प्रबंधन में हमेशा व्यवधान डालता रहता है, वे अपने निरुद्देश्य विचारों को बहुत अच्छी चीज मानते हैं। पर ये उनकी अपनी कपोल-कल्पनाओं के अलावा और कुछ भी नहीं हैं। अधोलोक और नरक दोनों गंदगी के मंदिर को संदर्भित करते हैं जहाँ पहले शैतान या दुष्ट आत्माओं का वास था। कहने का अर्थ है कि जिस किसी पर भी पहले शैतान या बुरी आत्माओं का कब्जा रह चुका है, वही वे लोग हैं जो अधोलोक हैं और वही वे लोग हैं जो नरक हैं—इसमें कोई संदेह नहीं है! यही कारण है कि मैंने अतीत में बार-बार जोर दिया है कि मैं गंदगी के मंदिर में नहीं रहता हूँ। क्या मैं (परमेश्वर स्वयं) अधोलोक में, या नरक में रह सकता हूँ? क्या यह हास्यास्पद बकवास नहीं होगी? मैंने यह कई बार कहा है लेकिन तुम लोगों की समझ में अभी भी नहीं आता है कि मेरा मतलब क्या है। नरक की तुलना में, अधोलोक को शैतान द्वारा कहीं ज्यादा दूषित किया जाता है। जो लोग अधोलोक के लिए हैं वे सबसे गंभीर मामले हैं, और मैंने इन लोगों को पूर्वनियत किया ही नहीं है; जो लोग नरक के लिए हैं ये वे ऐसे लोग हैं जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया है, किंतु उन्हें निकाल दिया गया है। आसान भाषा में कहें तो, मैंने इन लोगों में से एक को भी नहीं चुना है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 90
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?