विपत्ति के पहले स्वर्गारोहण क्या है? ऐसा विजयी किसे कहते हैं जिसे विपत्ति से पहले पूर्ण किया जाता हो?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
"उठाया जाना" निचले स्थान से किसी ऊँचे स्थान पर ले जाया जाना नहीं है जैसा कि लोग सोच सकते हैं; यह एक बहुत बड़ी मिथ्या धारणा है। "उठाया जाना" मेरे द्वारा पूर्वनियत और फिर चयनित किए जाने को इंगित करता है। यह उन सभी के लिए है जिन्हें मैंने पूर्वनियत और चयनित किया है। उठाए गए लोग वे सभी लोग हैं जिन्होंने पहलौठे पुत्रों या पुत्रों का स्तर प्राप्त कर लिया है या जो परमेश्वर के लोग हैं। यह लोगों की धारणाओं के बिलकुल भी संगत नहीं है। वे सभी लोग जिन्हें भविष्य में मेरे घर में हिस्सा मिलेगा, ऐसे लोग हैं जो मेरे सामने उठाए जा चुके हैं। यह एक सम्पूर्ण सत्य है, कभी न बदलने वाला और जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। यह शैतान के विरुद्ध एक जवाबी हमला है। जिस किसी को भी मैंने पूर्वनियत किया है, वह मेरे सामने उठाया जाएगा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 104
फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया ने अपना आकार ले लिया है, और यह पूरी तरह से परमेश्वर के अनुग्रह और दया के कारण हुआ है। परमेश्वर के लिए प्रेम अनेक संतों में जगता है जो बिना डगमगाए अपने आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं। वे अपने इस विश्वास पर दृढ़ रहते हैं कि एकमात्र सच्चे परमेश्वर ने देहधारण किया है, कि वह ब्रह्मांड का मुखिया है जो सभी चीज़ों को नियंत्रित करता है : इसकी पुष्टि पवित्र आत्मा द्वारा की जा चुकी है और यह पर्वतों की तरह अचल है! यह कभी नहीं बदल सकता!
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आज तुमने सभी कलीसियों को पूरा किया है—फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया—और इस प्रकार अपनी 6,000 साल की प्रबंधन योजना को पूरा किया है। सभी संत अब नम्रता से तुम्हारे सामने समर्पित हो सकते हैं; वे एक दूसरे से आत्मा में जुड़े हुए हैं और एक दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक आगे बढ़ते हैं। वे झरने के स्रोत से जुड़े हैं। जीवन का जीवित पानी निरंतर बहता है और वह कलीसिया की सभी गंदगी और कीचड़ को बहा ले जाता है, और एक बार फिर तुम्हारे मंदिर को शुद्ध करता है। हमने व्यावहारिक सच्चे परमेश्वर को जाना है, उसके वचनों में चले हैं, अपने कार्यों और कर्तव्यों को पहचाना है, और कलीसिया के लिए खुद को खपाने के लिए जो कुछ हम कर सकते थे वो हमने किया है। तुम्हारे सामने हर एक पल शांत रहते हुए, हमें पवित्र आत्मा के काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम्हारी इच्छा हमारे भीतर अवरुद्ध न हो। संतों के बीच आपसी प्रेम है, और कुछ की मज़बूतियां दूसरों की विफलताओं की भरपाई करेंगी। वे हर पल आत्मा में चल सकते हैं और पवित्र आत्मा द्वारा प्रबुद्ध और प्रकाशित किए गए हैं। सत्य समझने के तुरंत बाद वे उसे अभ्यास में ले आते हैं। वे नई रोशनी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं और परमेश्वर के पदचिह्नों का अनुसरण करते हैं।
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सक्रिय रूप से परमेश्वर के साथ सहयोग करो, सेवा में समन्वय करो और एक हो जाओ, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की इच्छाओं को पूरा करो, एक पवित्र आध्यात्मिक शरीर बनने के लिए तत्पर रहो, शैतान को कुचलो, और उसकी नियति समाप्त करो। फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया परमेश्वर के सामने आरोहित की गयी है और परमेश्वर की महिमा में प्रकट की जाती है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 2
जब परमेश्वर आता है, तो लोगों को उसके प्रताप और उसके कोप का आनंद लेना चाहिए। हालाँकि उसके वचन चाहे कितने ही कठोर क्यों न हों, वह मानवजाति को बचाने और पूर्ण करने के लिए आता है। प्राणियों के रूप में लोगों को वे कर्तव्य पूरे करने चाहिए, जो उनसे अपेक्षित हैं, और शुद्धिकरण के बीच परमेश्वर के लिए गवाह बनना चाहिए। हर परीक्षण में उन्हें उस गवाही पर कायम रहना चाहिए, जो कि उन्हें देनी चाहिए, और परमेश्वर के लिए उन्हें ऐसा ज़बरदस्त तरीके से करना चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति विजेता होता है। परमेश्वर चाहे कैसे भी तुम्हें शुद्ध करे, तुम आत्मविश्वास से भरे रहते हो और परमेश्वर पर से कभी विश्वास नहीं खोते। तुम वह करते हो, जो मनुष्य को करना चाहिए। परमेश्वर मनुष्य से इसी की अपेक्षा करता है, और मनुष्य का दिल पूरी तरह से उसकी ओर लौटने तथा हर पल उसकी ओर मुड़ने में सक्षम होना चाहिए। ऐसा होता है विजेता। जिन लोगों का उल्लेख परमेश्वर "विजेताओं" के रूप में करता है, वे लोग वे होते हैं, जो तब भी गवाह बनने और परमेश्वर के प्रति अपना विश्वास और भक्ति बनाए रखने में सक्षम होते हैं, जब वे शैतान के प्रभाव और उसकी घेरेबंदी में होते हैं, अर्थात् जब वे स्वयं को अंधकार की शक्तियों के बीच पाते हैं। यदि तुम, चाहे कुछ भी हो जाए, फिर भी परमेश्वर के समक्ष पवित्र दिल और उसके लिए अपना वास्तविक प्यार बनाए रखने में सक्षम रहते हो, तो तुम परमेश्वर के सामने गवाह बनते हो, और इसी को परमेश्वर "विजेता" होने के रूप में संदर्भित करता है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति बनाए रखनी चाहिए
परमेश्वर के विश्वासी होने के नाते, तुममें से प्रत्येक को सराहना करनी चाहिए कि अंत के दिनों के परमेश्वर का कार्य ग्रहण करके और उसकी योजना का वह कार्य ग्रहण करके जो आज वह तुममें करता है, तुमने किस तरह अधिकतम उत्कर्ष और उद्धार सचमुच प्राप्त कर लिया है। परमेश्वर ने लोगों के इस समूह को समस्त ब्रह्माण्ड भर में अपने कार्य का एकमात्र केंद्रबिंदु बनाया है। उसने तुम लोगों के लिए अपने हृदय का रक्त तक निचोड़कर दे दिया है; उसने ब्रह्माण्ड भर में पवित्रात्मा का समस्त कार्य पुनः प्राप्त करके तुम लोगों को दे दिया है। इसी कारण से मैं कहता हूँ कि तुम लोग सौभाग्यशाली हो। इतना ही नहीं, वह अपनी महिमा इस्राएल, उसके चुने हुए लोगों से हटाकर तुम लोगों के ऊपर ले आया है, और वह इस समूह के माध्यम से अपनी योजना का उद्देश्य पूर्ण रूप से प्रत्यक्ष करेगा। इसलिए तुम लोग ही वह हो जो परमेश्वर की विरासत प्राप्त करोगे, और इससे भी अधिक, तुम परमेश्वर की महिमा के वारिस हो। तुम सब लोगों को शायद ये वचन स्मरण हों : "क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।" तुम सब लोगों ने पहले भी ये वचन सुने हैं, किंतु तुममें से कोई भी इनका सच्चा अर्थ नहीं समझा। आज, तुम उनकी सच्ची महत्ता से गहराई से अवगत हो। ये वचन परमेश्वर द्वारा अंत के दिनों के दौरान पूरे किए जाएँगे, और वे उन लोगों में पूरे किए जाएँगे जिन्हें बड़े लाल अजगर द्वारा निर्दयतापूर्वक उत्पीड़ित किया गया है, उस देश में जहाँ वह कुण्डली मारकर बैठा है। बड़ा लाल अजगर परमेश्वर को सताता है और परमेश्वर का शत्रु है, और इसीलिए, इस देश में, परमेश्वर में विश्वास करने वाले लोगों को इस प्रकार अपमान और अत्याचार का शिकार बनाया जाता है, और परिणामस्वरूप, ये वचन तुम लोगों में, लोगों के इस समूह में, पूरे किए जाते हैं। चूँकि परमेश्वर का कार्य उस देश में आरंभ किया जाता है जो परमेश्वर का विरोध करता है, इसलिए परमेश्वर के कार्य को भयंकर बाधाओं का सामना करना पड़ता है, और उसके बहुत-से वचनों को संपन्न करने में समय लगता है; इस प्रकार, परमेश्वर के वचनों के परिणामस्वरूप लोग शुद्ध किए जाते हैं, जो कष्ट झेलने का भाग भी है। परमेश्वर के लिए बड़े लाल अजगर के देश में अपना कार्य करना अत्यंत कठिन है—परंतु इसी कठिनाई के माध्यम से परमेश्वर अपने कार्य का एक चरण पूरा करता है, अपनी बुद्धि और अपने अद्भुत कर्म प्रत्यक्ष करता है, और लोगों के इस समूह को पूर्ण बनाने के लिए इस अवसर का उपयोग करता है। लोगों की पीड़ा के माध्यम से, उनकी क्षमता के माध्यम से, और इस कुत्सित देश के लोगों के समस्त शैतानी स्वभावों के माध्यम से परमेश्वर अपना शुद्धिकरण और विजय का कार्य करता है, ताकि इससे वह महिमा प्राप्त सके, और ताकि उन्हें प्राप्त कर सके जो उसके कर्मों की गवाही देंगे। इस समूह के लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा किए गए सारे त्यागों का संपूर्ण महत्व ऐसा ही है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, क्या परमेश्वर का कार्य उतना सरल है जितना मनुष्य कल्पना करता है?
राज्य के युग में मनुष्य को पूरी तरह से पूर्ण किया जाएगा। विजय के कार्य के पश्चात् मनुष्य को शुद्धिकरण और क्लेश का भागी बनाया जाएगा। जो लोग विजय प्राप्त कर सकते हैं और इस क्लेश के दौरान गवाही दे सकते हैं, वे वो लोग हैं जिन्हें अंततः पूर्ण बनाया जाएगा; वे विजेता हैं। इस क्लेश के दौरान मनुष्य से अपेक्षा की जाती है कि वह इस शुद्धिकरण को स्वीकार करे, और यह शुद्धिकरण परमेश्वर के कार्य की अंतिम घटना है। यह अंतिम बार है कि परमेश्वर के प्रबंधन के समस्त कार्य के समापन से पहले मनुष्य को शुद्ध किया जाएगा, और जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं, उन सभी को यह अंतिम परीक्षा स्वीकार करनी चाहिए, और उन्हें यह अंतिम शुद्धिकरण स्वीकार करना चाहिए। जो लोग क्लेश से व्याकुल हैं, वे पवित्र आत्मा के कार्य और परमेश्वर के मार्गदर्शन से रहित हैं, किंतु जिन्हें सच में जीत लिया गया है और जो सच में परमेश्वर की खोज करते हैं, वे अंततः डटे रहेंगे; ये वे लोग हैं, जिनमें मानवता है, और जो सच में परमेश्वर से प्रेम करते हैं। परमेश्वर चाहे कुछ भी क्यों न करे, इन विजयी लोगों को दर्शनों से वंचित नहीं किया जाएगा, और ये फिर भी अपनी गवाही में असफल हुए बिना सत्य को अभ्यास में लाएँगे। ये वे लोग हैं, जो अंततः बड़े क्लेश से उभरेंगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास
मैं पहले कह चुका हूँ कि पूर्व से विजेताओं का एक समूह प्राप्त किया जा रहा है, ऐसे विजेताओं का, जो भारी क्लेश के बीच से आते हैं। इन वचनों का क्या अर्थ है? इनका अर्थ है कि केवल इन प्राप्त किए गए लोगों ने ही न्याय और ताड़ना, और व्यवहार और काँट-छाँट, और सभी प्रकार के शुद्धिकरण से गुजरने के बाद वास्तव में आज्ञापालन किया। इन लोगों का विश्वास अस्पष्ट और अमूर्त नहीं, बल्कि वास्तविक है। उन्होंने कोई संकेत और चमत्कार, या अचंभे नहीं देखे हैं; वे गूढ़ शाब्दिक अर्थों और सिद्धांतों या गहन अंर्तदृष्टियों की बात नहीं करते; इसके बजाय उनके पास वास्तविकता और परमेश्वर के वचन और परमेश्वर की वास्तविकता का सच्चा ज्ञान है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के वचन के द्वारा सब-कुछ प्राप्त हो जाता है
संदर्भ के लिए धर्मोपदेश और संगति के उद्धरण:
जिन लोगों को परमेश्वर बचाएगा, उन्हें समूहों में वापस लाया गया है। पहला समूह उनका है जो मुख्यभूमि चीन से हैं। दूसरा समूह उनका है जो दूसरे देशों के हैं। इस समय, विदेशों में रहने वाले लोग परमेश्वर के पास वापस लौटने लगे हैं। तीसरा समूह उनका है जो, भीषण आपदा आने के बाद होश में आते हैं और आपदा के बीच में परमेश्वर के पास वापस लौट आते हैं। कई लोगों को आपदा के पहले स्वर्गारोहित किया जाएगा और परमेश्वर के पास वापस बुलाया जाएगा। इस वक्त, भीषण आपदा से स्वर्गारोगित करने का जो कार्य किया जाना है, वो जल्द ही खत्म हो रहा है। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ? "जल्दी से खत्म हो रहा है" किसे संदर्भित करता है? क्योंकि भीषण आपदा जल्द ही आ रही है। यदि भीषण आपदा दो साल में आती है, तो जो लोग दो साल में परमेश्वर के पास लौटते हैं, उन्हें भी उस समूह में माना जाएगा जो आपदा से पहले स्वर्गारोहित किये जाते हैं। ऐसे लोग भी होंगे जो इन दो वर्षों के दौरान परमेश्वर के पास वापस नहीं आते हैं। अन्य लोग उन्हें सुसमाचार सुनाते हैं और अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य की गवाही देते हैं, फिर भी वे कहते हैं, "यह गलत है! यह वो नहीं है! मैंने इसे अपनी आँखों से नहीं देखा है, मैं विश्वास नहीं करूँगा।" दूसरे कैसे भी समझायें, फिर भी वे इसे अस्वीकार करते हैं। परमेश्वर इन लोगों को आपदा के ठीक बीच में रखेगा। वह इन लोगों को शोधित और दंडित करने के लिए आपदा का उपयोग करेगा। वे आपदा के बीच होंगे, अंधेरे में, रोते और अपने दांत पीसते रहेंगे।
— 'जीवन में प्रवेश पर धर्मोपदेश और संगति' से उद्धृत
"तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर में क्यों विश्वास करते हो, सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने का क्या अर्थ है?" इस मामले को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ लोग सोचते हैं: "मैं शुरू में प्रभु यीशु में विश्वास किया करता था। अब मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के प्रचारकों से बाइबल की सच्चाई की ऐसी बिल्कुल स्पष्ट गवाही को सुना है, विशेष रूप से, मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथनों को सुना है, जो सभी सत्य हैं और स्पष्ट रूप से परमेश्वर की वाणी हैं। इससे वह वचन पूरा हुआ है जो प्रकाशित वाक्य में कहा गया है 'जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है' (प्रकाशितवाक्य 2:7)। जब मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सभी वचनों को सुन लिया, तो मुझे एक बात पक्की हो गई: प्रभु यीशु वापस आ गया है, वही सर्वशक्तिमान परमेश्वर है।" इस प्रकार, हम प्रभु के द्वारा स्वर्गारोहित किये गए लोग हैं क्योंकि हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करते हैं? इससे बाइबल की ये भविष्यवाणियां पूरी हुई हैं: "आधी रात को धूम मची: 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:6), और, "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। "देख, मैं चोर के समान आता हूँ; धन्य वह है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्र की चौकसी करता है कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें" (प्रकाशितवाक्य 16:15)। चूंकि प्रभु की ये भविष्यवाणियां पूरी की गई हैं। अब हम प्रभु के साथ हैं, और प्रभु हमारे साथ रात्रिभोज कर रहा है। बाइबल में एक जगह प्रभु यीशु ने इसे "मेम्ने के विवाह का भोज" कहा है। "मेम्ने के विवाह का भोज" का क्या मतलब है? इसे क्यों "मेम्ने के विवाह का भोज" कहा जाता है? "मेम्ने" मसीह है, और मेम्ने के ब्याह का अर्थ है कि मसीह लोगों के एक समूह को पूर्ण करने के लिए आता है। वह अपने मेम्नों को पूर्ण करेगा, वे जिनका विजेता होना पूर्वनिर्धारित है, वह उन लोगों को आपदा के पहले ही विजेता बना देता है, इसलिए इसे "रात्रिभोज में भाग लेना" कहा जाता है। ब्याह का अर्थ हासिल करना है, और उसके बाद हम एक परिवार बन जाते हैं। इसलिए, इस ग्रंथ को समझाते समय, कुछ जगहों पर कहा गया है कि मसीह दूल्हा है, कलीसिया दुल्हन है। इसे एक ब्याह कहा जाता है, और इसमें कुछ न कुछ हासिल किया जाना चाहिए। हासिल करने की बात करें तो, इसका संबंध अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य से है, न्याय और ताड़ना का कार्य, परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य। इस कार्य का अनुभव करने का मतलब है लोग पहले परमेश्वर की विजय का अनुभव करते हैं, फिर वे शुद्ध, पूर्ण, प्राप्त और पूर्ण किये जायेंगे; परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य एक ऐसा ही कार्य है। इंसानों द्वारा अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य का अनुभव किये जाने और उनके मसीह के अनुकूल बन जाने के बाद, परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य इस तरह पूरा हो जाता है। परमेश्वर के राज्य में वे लोग क्या हैं जिन्हें यह सब पूरा होने के बाद पूर्ण किया गया है? वे उन विजेताओं के समूह हैं जिन्हें आपदा के पहले पूर्ण किया गया है, वे विजेता हैं। परमेश्वर के राज्य में विजेताओं की क्या स्थिति होती है? वे "मसीह के राज्य के स्तम्भ" हैं। आपदा के पहले परमेश्वर लोगों के एक समूह को, विजेताओं के एक समूह को पूर्ण करेगा, और ये विजेता मसीह के राज्य के स्तम्भ बन जाएँगे। क्या तुम्हें नहीं लगता कि यह एक बेहतरीन आशीर्वाद है? यह आशीर्वाद ज़बरदस्त है।
— 'जीवन में प्रवेश पर धर्मोपदेश और संगति' से उद्धृत
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?