407 क्या वर्षों के विश्वास से तुमने कुछ भी हासिल किया है?

तुम्हें यह मालूम होना चाहिए कि मेरे कार्य का असल उद्देश्य क्या है और मैं किसके लिए यह कार्य करता हूँ। तुम्हारे प्रेम में अच्छाई है या बुराई? क्या तुम वाकई मुझे वैसे ही जानते हो जैसे दाऊद और मूसा ने जाना था? क्या तुम वास्तव में मेरी वैसे ही सेवा करते हो जैसे इब्राहिम ने की? यह सच है कि मेरे द्वारा तुमको पूर्ण बनाया जा रहा है, लेकिन तुम्हें यह जानना चाहिए तुम किसका प्रतिनिधित्व करोगे और तुम किसके जैसा परिणाम लेना चाहोगे। अपने जीवन में, क्या तुमने मेरे कार्य का अनुभव लेकर एक आनन्दमय और प्रचुर फ़सल प्राप्त की है? क्या यह भरपूर और फलदायी है? तुम्हें आत्म-मंथन करना चाहिए। कई वर्षों से तुमने मेरे लिए काम किया है, लेकिन क्या तुमने कभी कुछ हासिल किया? क्या तुम कुछ बदले या तुमने कुछ प्राप्त किया? कठिनाई के अपने अनुभव के बदले, क्या तुम पतरस की तरह बन गए हो जिसे सलीब पर चढ़ाया गया था या पौलुस की तरह जो कि मार गिराया गया था और जिसने एक महान प्रकाश को प्राप्त किया था? तुम्हें इनके बारे में अवगत होना चाहिए।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मनुष्य का सार और उसकी पहचान से रूपांतरित

पिछला: 406 तुम्हारा विश्वास वास्तव में कैसा है?

अगला: 408 क्या तुमने अपनी आस्था में सचमुच अपना जीवन समर्पित किया है?

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें