7 पवित्र राज्य हुआ है प्रकट
1
देहधारी परमेश्वर प्रकट हुआ मानवों के बीच,
परमेश्वर के घर से न्याय शुरू हुआ है।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मसीह के विवाह भोज में
शामिल होने उठाए गए हैं उसके सिंहासन के सामने।
न्याय करे शुद्ध हमें, बदले स्वभाव हमारा।
फिर से जन्म लेकर बनते हैं हम लोग नए,
परमेश्वर की श्रद्धा में, हम नतमस्तक हो जाते हैं,
उसकी पवित्रता, धार्मिकता के गुण हम गाते हैं।
उसे समर्पित होने, अपनी निष्ठा देने को हैं तैयार,
हम अपना कर्तव्य निभाते हैं ईमानदारी से।
परमेश्वर करते हैं हम तुझे प्रेम पूरे दिल से,
तेरी स्तुति करेंगे सदा हम पूरे दिल से।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।
2
संसार का न्याय करने, वो सत्य व्यक्त करता है,
अपनी धार्मिकता को प्रकट करता है।
परमेश्वर की विरोधी दुष्ट ताकतें,
नष्ट हो जाएँगी बड़ी आपदा में।
अब परमेश्वर ने नयी बनाई हैं सारी चीज़ें
अपने उपयोग और आनंद के लिए।
नहीं रही गंदी, पतित भूमि अब ये,
बन गयी है पवित्र राज्य सदा के लिए।
परमेश्वर के वचन ने पूरा किया सब कुछ,
राजा की तरह परमेश्वर, संसार में शासन करे।
पूरी तरह महिमा पायी है परमेश्वर ने,
मसीह का राज्य हुआ है प्रकट धरा पे।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।
3
धार्मिकता का सूर्य चमकता सारी भूमि पर,
सब चीज़ें नयी बन जाती हैं।
परमेश्वर के लोग ख़ुशी से इकट्ठे होते हैं,
उसकी विजय में नाचते-गाते हैं।
उसकी महान उपलब्धियों की, सभी स्तुति करते हैं।
हंसी-ख़ुशी से भर जाती है धरा सारी।
सभी जीव गाते स्तुति परमेश्वर की,
क्योंकि लौट आया वो हासिल कर विजय पूरी।
पूरी कायनात नई कर दी गयी है।
परमेश्वर की महिमा के दिन का उत्सव मनाते हैं हम।
स्तुतिगान आकाश को चीर देता है,
बिन रुके परमेश्वर की स्तुति करते हैं हम।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।
पवित्र राज्य हुआ है प्रकट।