iv. परमेश्वर उनसे क्या वादे करता है जिन्होंने उद्धार प्राप्त कर लिया है और पूर्ण बना दिया गया है

अंतिम दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन

राज्य मनुष्यों के मध्य विस्तार पा रहा है, यह मनुष्यों के मध्य बन रहा है और यह मनुष्यों के मध्य खड़ा हो रहा है; ऐसी कोई भी शक्ति नहीं है जो मेरे राज्य को नष्ट कर सके। आज के राज्य में जो मेरे लोग हैं, उनमें से ऐसा कौन है जो मानवों में मानव नहीं है? तुम लोगों में से कौन मानवीय स्थिति से बाहर है? जब भीड़ के सामने मेरे प्रारम्भ बिन्दु का ऐलान किया जायेगा, तो लोग कैसे प्रतिक्रिया देंगे? तुम सबने अपनी आंखों से मानवजाति की दशा देखी है; निश्चय ही तुम लोग अब भी इस संसार में हमेशा के लिए बने रहने की आशा नहीं कर रहे हो? अब मैं अपने लोगों के मध्य चल रहा हूँ, और उनके मध्य रह रहा हूँ। आज जो लोग मेरे लिए वास्तविक प्रेम रखते हैं, ऐसे लोग धन्य हैं। धन्य हैं वे लोग जो मुझे समर्पित हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य में रहेंगे। धन्य हैं वे लोग जो मुझे जानते हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य में शक्ति प्राप्त करेंगे। धन्य हैं वे जो मुझे खोजते हैं, वे निश्चय ही शैतान के बंधनों से स्वतंत्र होंगे और मेरे आशीषों का आनन्द लेंगे। धन्य हैं वे लोग जो खुद की इच्छाओं के खिलाफ विद्रोह करते हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य में प्रवेश करेंगे और मेरे राज्य की प्रचुरता पाएंगे। जो लोग मेरी खातिर दौड़-भाग करते हैं उन्हें मैं याद रखूंगा, जो लोग मेरे लिए व्यय करते हैं, मैं उन्हें आनन्द से गले लगाऊंगा, और जो लोग मुझे भेंट देते हैं, मैं उन्हें आनन्द दूंगा। जो लोग मेरे वचनों में आनन्द प्राप्त करते हैं, उन्हें मैं आशीष दूंगा; वे निश्चय ही ऐसे खम्भे होंगे जो मेरे राज्य में शहतीर को थामेंगे, वे निश्चय ही मेरे घर में अतुलनीय प्रचुरता को प्राप्त करेंगे और उनके साथ कोई तुलना नहीं कर पाएगा। क्या तुम लोगों ने कभी मिलने वाले आशीषों को स्वीकार किया है? क्या कभी तुमने उन वादों को खोजा जो तुम्हारे लिए किए गए थे? तुम लोग निश्चय ही मेरी रोशनी के नेतृत्व में, अंधकार की शक्तियों के गढ़ को तोड़ोगे। तुम अंधकार के मध्य निश्चय ही मार्गदर्शन करने वाली ज्योति को नहीं खोओगे। तुम सब निश्चय ही सम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी होगे। तुम लोग निश्चय ही शैतान के सामने विजेता बनोगे। तुम सब निश्चय ही बड़े लाल अजगर के राज्य के पतन के समय, मेरी विजय की गवाही देने के लिए असंख्य लोगों की भीड़ में खड़े होगे। तुम लोग निश्चय ही सिनिम के देश में दृढ़ और अटूट खड़े रहोगे। तुम लोग जो कष्ट सह रहे हो, उनसे तुम मेरे आशीष प्राप्त करोगे और निश्चय ही सकल ब्रह्माण्ड में मेरी महिमा का विस्तार करोगे।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 19

केवल वे जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, परमेश्वर की गवाही दे पाते हैं, केवल वे ही परमेश्वर के गवाह हैं, केवल वे ही परमेश्वर द्वारा धन्य किए जाते हैं, और केवल वे ही परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त कर पाते हैं। वे जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, परमेश्वर के अंतरंग हैं; वे परमेश्वर के प्रिय लोग हैं, और वे परमेश्वर के साथ आशीषों का आनंद ले सकते हैं। केवल ऐसे लोग ही अनंत काल तक जीवित रहेंगे, और केवल वे ही हमेशा के लिए परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा में रहेंगे। परमेश्वर लोगों द्वारा प्रेम किए जाने के लिए है, और वह सभी लोगों द्वारा प्रेम किए जाने योग्य है, परंतु सभी लोग परमेश्वर से प्रेम करने में सक्षम नहीं हैं, और न ही सभी लोग परमेश्वर की गवाही दे सकते हैं और परमेश्वर के सामर्थ्य में सहभागी हो सकते हैं। चूँकि परमेश्वर से सचमुच प्रेम करने वाले लोग ही परमेश्वर की गवाही दे पाते हैं और परमेश्वर के कार्य के लिए अपने सभी प्रयास समर्पित कर पाते हैं, इसलिए वे स्वर्ग के नीचे कहीं भी घूम सकते हैं और कोई उनका विरोध करने की हिम्मत नहीं कर सकता, और वे पृथ्वी पर शक्ति का प्रयोग और परमेश्वर के सभी लोगों पर शासन कर सकते हैं। ये लोग दुनिया भर से एक-साथ आए हैं। वे अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं और उनकी त्वचा के रंग भिन्न-भिन्न हैं, परंतु उनके अस्तित्व का समान अर्थ है; उन सबके पास एक परमेश्वर-प्रेमी हृदय है, वे सब एक ही गवाही देते हैं, और उनका एक ही संकल्प और एक ही इच्छा है। जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, वे समूचे संसार में कहीं भी स्वतंत्रता से घूम सकते हैं; और जो परमेश्वर की गवाही देते हैं, वे संपूर्ण ब्रह्मांड में यात्रा कर सकते हैं। वे लोग परमेश्वर के प्रिय लोग हैं, वे परमेश्वर द्वारा धन्य किए गए लोग हैं, और वे सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोग सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे

अपने विभिन्न कार्यों और गवाहियों के आधार पर राज्य के भीतर विजेता लोग याजकों और अनुयायियों के रूप में सेवा करेंगे, और जो क्लेश के बीच विजेता होंगे, वे राज्य के भीतर याजकों का एक निकाय बन जाएँगे। याजकों का निकाय तब बनाया जाएगा, जब संपूर्ण विश्व में सुसमाचार का कार्य समाप्ति पर आ जाएगा। जब वह समय आएगा, तब जो मनुष्य के द्वारा किया जाना चाहिए, वह परमेश्वर के राज्य के भीतर अपने कर्तव्य का निष्पादन होगा, और राज्य के भीतर परमेश्वर के साथ उसका जीना होगा। याजकों के निकाय में महायाजक और याजक होंगे, और शेष लोग परमेश्वर के पुत्र और उसके लोग होंगे। यह सब क्लेश के दौरान परमेश्वर के प्रति उनकी गवाहियों से निर्धारित होता है, ये ऐसी उपाधियाँ नहीं हैं जो सनक के आधार पर दी जाती हैं। जब मनुष्य की हैसियत स्थापित कर दी जाएगी, तो परमेश्वर का कार्य रुक जाएगा, क्योंकि प्रत्येक को उसके प्रकार के अनुसार वर्गीकृत कर दिया जाएगा और उसकी मूल स्थिति में लौटा दिया जाएगा, और यह परमेश्वर के कार्य के समापन का चिह्न है, यह परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के अभ्यास का अंतिम परिणाम है, और यह परमेश्वर के कार्य के दर्शनों और मनुष्य के सहयोग का स्फटिकवत् ठोस रूप है। अंत में, मनुष्य परमेश्वर के राज्य में विश्राम पाएगा, और परमेश्वर भी विश्राम करने के लिए अपने निवास-स्थान में लौट जाएगा। यह परमेश्वर और मनुष्य के बीच 6,000 वर्षों के सहयोग का अंतिम परिणाम होगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास

एक बार जब विजय का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, तब मनुष्य को एक सुंदर संसार में लाया जाएगा। निस्संदेह, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, किंतु यह मनुष्य के आज के जीवन के बिल्कुल विपरीत होगा। यह वह जीवन है, जो संपूर्ण मानव-जाति पर विजय प्राप्त कर लिए जाने के बाद मानव-जाति के पास होगा, यह पृथ्वी पर मनुष्य के लिए एक नई शुरुआत होगी, और मनुष्य के पास इस प्रकार का जीवन होना इस बात का सबूत होगा कि मनुष्य ने एक नए और सुंदर क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। यह पृथ्वी पर मनुष्य और परमेश्वर के जीवन की शुरुआत होगी। ऐसे सुंदर जीवन का आधार ऐसा होना चाहिए, कि मनुष्य को शुद्ध कर दिए जाने और उस पर विजय पा लिए जाने के बाद वह परमेश्वर के सम्मुख समर्पण कर दे। और इसलिए, मानव-जाति के अद्भुत मंज़िल में प्रवेश करने से पहले विजय का कार्य परमेश्वर के कार्य का अंतिम चरण है। ऐसा जीवन ही पृथ्वी पर मनुष्य का भविष्य का जीवन है, पृथ्वी पर सबसे अधिक सुंदर जीवन, उस प्रकार का जीवन जिसकी लालसा मनुष्य करता है, और उस प्रकार का जीवन, जिसे मनुष्य ने संसार के इतिहास में पहले कभी प्राप्त नहीं किया है। यह 6,000 वर्षों के प्रबधंन के कार्य का अंतिम परिणाम है, यह वही है जिसकी मानव-जाति सर्वाधिक अभिलाषा करती है, और यह मनुष्य के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा भी है। किंतु यह प्रतिज्ञा तुरंत पूरी नहीं हो सकती : मनुष्य भविष्य की मंज़िल में केवल तभी प्रवेश करेगा, जब अंत के दिनों का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और उस पर पूरी तरह से विजय पा ली जाएगी, अर्थात् जब शैतान को पूरी तरह से पराजित कर दिया जाएगा। शुद्ध कर दिए जाने के बाद मनुष्य पापपूर्ण स्वभाव से रहित हो जाएगा, क्योंकि परमेश्वर ने शैतान को पराजित कर दिया होगा, अर्थात् विरोधी ताक़तों द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं होगा, और कोई विरोधी ताक़तें नहीं होंगी जो मनुष्य की देह पर आक्रमण कर सकें। और इसलिए मनुष्य स्वतंत्र और पवित्र होगा—वह शाश्वतता में प्रवेश कर चुका होगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मनुष्य के सामान्य जीवन को बहाल करना और उसे एक अद्भुत मंज़िल पर ले जाना

जब मनुष्य पृथ्वी पर मनुष्य का असली जीवन प्राप्त कर लेगा और शैतान की सभी ताक़तों को बंधन में डाल दिया जाएगा, तब मनुष्य आसानी से पृथ्वी पर जीवन-यापन करेगा। चीज़ें उतनी जटिल नहीं होंगी, जितनी आज हैं : मानवीय रिश्ते, सामाजिक रिश्ते, जटिल पारिवारिक रिश्ते—वे इतनी परेशानी, इतना दर्द लेकर आते हैं! यहाँ मनुष्य का जीवन कितना दयनीय है! एक बार मनुष्य पर विजय प्राप्त कर ली जाएगी, तो उसका दिल और दिमाग बदल जाएगा : उसके पास परमेश्वर का भय मानने वाला और परमेश्वर-प्रेमी हृदय होगा। एक बार जब विश्व के ऐसे लोगों पर, जो परमेश्वर से प्रेम करने की इच्छा रखते हैं, विजय पा ली जाएगी, अर्थात् एक बार जब शैतान को हरा दिया जाएगा, और एक बार जब शैतान को—अंधकार की सभी ताकतों को—बंधन में डाल दिया जाएगा, तो पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन निर्विघ्न हो जाएगा, और वह पृथ्वी पर आज़ादी से जीवन जीने में सक्षम हो जाएगा। यदि मनुष्य का जीवन दैहिक रिश्तों और देह की जटिलताओं से रहित होता, तो यह बहुत अधिक आसान होता। मनुष्य के दैहिक रिश्ते बहुत जटिल होते हैं, और मनुष्य के लिए ऐसी चीज़ों का होना इस बात का प्रमाण है कि उसने स्वयं को अभी तक शैतान के प्रभाव से मुक्त नहीं किया है। यदि अपने प्रत्येक भाई-बहन के साथ तुम्हारा रिश्ता समान होता, यदि अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ तुम्हारा रिश्ता समान होता, तो तुम्हें कोई चिंता न होती और किसी के बारे में चिंता करने की आवश्यकता न होती। इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता था, और इस तरह से मनुष्य को उसकी आधी तकलीफों से मुक्ति मिल गई होती। पृथ्वी पर एक सामान्य मानवीय जीवन जीने से मनुष्य स्वर्गदूतों के समान होगा; यद्यपि अभी भी वह देह का प्राणी होगा, फिर भी वह स्वर्गदूत के समान होगा। यही वह अंतिम प्रतिज्ञा है, आख़िरी वादा, जो मनुष्य को प्रदान किया गया है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मनुष्य के सामान्य जीवन को बहाल करना और उसे एक अद्भुत मंज़िल पर ले जाना

जिन लोगों को परमेश्वर पूर्ण बनाने का इरादा रखता है, वे सब उसके आशीष और उसकी विरासत प्राप्त करेंगे। अर्थात्, वे वही ग्रहण करते हैं जो परमेश्वर के पास है और वह जो है, ताकि यह वह बन जाए जो उनके भीतर है; उनमें परमेश्वर के सारे वचन गढ़े हुए हैं; परमेश्वर जो है, तुम लोग उसे ठीक जैसा है वैसा लेने और इस प्रकार सत्य को जीवन में उतारने में सक्षम हो। ऐसे ही व्यक्ति को परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाया और प्राप्त किया जाता है। केवल इसी प्रकार का मनुष्य परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले आशीष पाने योग्य है :

1. परमेश्वर के संपूर्ण प्रेम को पाना।

2. सभी बातों में परमेश्वर की इच्छानुसार चलना।

3. परमेश्वर के मार्गदर्शन को पाना, परमेश्वर के प्रकाश में जीवन व्यतीत करना और परमेश्वर का प्रबोधन प्राप्त करना।

4. पृथ्वी पर परमेश्वर को प्रिय लगने वाली छवि जीना; परमेश्वर से सच्चा प्रेम करना जैसा कि पतरस ने किया, जिसे परमेश्वर के लिए सलीब पर चढ़ा दिया गया और जो परमेश्वर के प्रेम के प्रतिदान में मरने के लिए तैयार हो गया; पतरस के समान महिमा प्राप्त करना।

5. पृथ्वी पर सभी का प्रिय, सम्मानित और प्रशंसित बनना।

6. मृत्यु और पाताल के सारे बंधनों पर काबू पाना, शैतान को कार्य करने का कोई अवसर न देना, परमेश्वर के अधीन रहना, एक ताज़ा और जीवंत आत्मा के भीतर रहना, और हारा-थका नहीं रहना।

7. जीवन भर हर समय उत्साह और उमंग की एक अवर्णनीय भावना रखना, मानो परमेश्वर की महिमा के दिन का आगमन देख लिया हो।

8. परमेश्वर के साथ महिमा को जीतना और परमेश्वर के प्रिय संतों जैसा चेहरा रखना।

9. वह बनना जो पृथ्वी पर परमेश्वर को प्रिय है, अर्थात्, परमेश्वर का प्रिय पुत्र।

10. स्वरूप बदलना और परमेश्वर के साथ तीसरे स्वर्ग में आरोहण करना तथा देह के पार जाना।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रतिज्ञाएँ उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं

संबंधित भजन

विजेताओं का गीत

अंत के दिनों में मनुष्य से परमेश्वर का वादा

परमेश्वर के वादे उनके लिए जो पूर्ण किए जा चुके हैं

पिछला: iii. क्यों परमेश्वर का उद्धार केवल अंतिम दिनों के न्याय को स्वीकार करने पर ही प्राप्त किया जा सकता है

अगला: v. मानव जाति की अद्भुत मंज़िल कैसी होगी

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

प्रश्न 1: सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है," तो मुझे वह याद आया जो प्रभु यीशु ने एक बार कहा था, "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:14)। हम पहले से ही जानते हैं कि प्रभु यीशु जीवन के सजीव जल का स्रोत हैं, और अनन्‍त जीवन का मार्ग हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर और प्रभु यीशु समान स्रोत हों? क्या उनके कार्य और वचन दोनों पवित्र आत्मा के कार्य और वचन हैं? क्या उनका कार्य एक ही परमेश्‍वर करते हैं?

उत्तर: दोनों बार जब परमेश्‍वर ने देह धारण की तो अपने कार्य में, उन्होंने यह गवाही दी कि वे सत्‍य, मार्ग, जीवन और अनन्‍त जीवन के मार्ग हैं।...

5. पुराने और नए दोनों नियमों के युगों में, परमेश्वर ने इस्राएल में काम किया। प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की कि वह अंतिम दिनों के दौरान लौटेगा, इसलिए जब भी वह लौटता है, तो उसे इस्राएल में आना चाहिए। फिर भी आप गवाही देते हैं कि प्रभु यीशु पहले ही लौट चुका है, कि वह देह में प्रकट हुआ है और चीन में अपना कार्य कर रहा है। चीन एक नास्तिक राजनीतिक दल द्वारा शासित राष्ट्र है। किसी भी (अन्य) देश में परमेश्वर के प्रति इससे अधिक विरोध और ईसाइयों का इससे अधिक उत्पीड़न नहीं है। परमेश्वर की वापसी चीन में कैसे हो सकती है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद :"क्योंकि उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक जाति-जाति में मेरा नाम महान् है, और हर कहीं मेरे नाम पर धूप और शुद्ध भेंट...

प्रश्न: प्रभु यीशु कहते हैं: "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं" (यूहन्ना 10:27)। तब समझ आया कि प्रभु अपनी भेड़ों को बुलाने के लिए वचन बोलने को लौटते हैं। प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बात है, प्रभु की वाणी सुनने की कोशिश करना। लेकिन अब, सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि हमें नहीं पता कि प्रभु की वाणी कैसे सुनें। हम परमेश्वर की वाणी और मनुष्य की आवाज़ के बीच भी अंतर नहीं कर पाते हैं। कृपया हमें बताइये कि हम प्रभु की वाणी की पक्की पहचान कैसे करें।

उत्तर: हम परमेश्वर की वाणी कैसे सुनते हैं? हममें कितने भी गुण हों, हमें कितना भी अनुभव हो, उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। प्रभु यीशु में विश्वास...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें