928 यद्यपि मनुष्य को शैतान ने धोखा देकर भ्रष्ट कर दिया है

1 सभी चीज़ों के मध्य हर प्रकार के जीवधारी चले जाते हैं फिर आ जाते हैं और फिर चले जाते हैं, पलक झपकते ही लाखों परिवर्तन होते हैं—परन्तु जो बदलता नहीं है वह है उनका सहज ज्ञान और ज़िन्‍दा रहने के नियम। वे परमेश्वर के प्रयोजन और परमेश्वर के पालन-पोषण के अधीन जीते हैं, कोई उनके सहज ज्ञान को बदल नहीं सकता है, न ही कोई उनके ज़िन्दा रहने के नियमों को बिगाड़ सकता है। यद्यपि मानवजाति को, जो सभी चीज़ों के बीच में जीवन बिताती है, शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है उसके द्वारा धोखा दिया गया है, फिर भी मनुष्य परमेश्वर के द्वारा बनाए गए जल, परमेश्वर द्वारा बनाई गई वायु, परमेश्वर द्वारा बनाई गई सभी चीज़ों को त्याग नहीं सकता है, मनुष्य फिर भी जीवित रहता है और परमेश्वर द्वारा बनाए गए इस स्थान में फलता-फूलता है।

2 मनुष्य का सहज ज्ञान नहीं बदला है। मनुष्य अभी भी देखने के लिए आँखों पर, सुनने के लिए कानों पर, सोचने के लिए अपने मस्तिष्क पर, समझने के लिए अपने हृदय पर, चलने के लिए अपने पैरों पर, काम करने के लिए अपने हाथों पर निर्भर है, आदि; परमेश्वर ने सब प्रकार का सहज ज्ञान मनुष्य को दिया है जिससे वह इस बात को स्वीकार कर सके कि परमेश्वर का प्रयोजन अपरिवर्तनीय बना रहता है, वे योग्यताएँ जिनके द्वारा मनुष्य परमेश्वर के साथ सहयोग करता है कभी भी नहीं बदली हैं, एक सृजित प्राणी का कर्तव्य निभाने की मानवजाति की योग्यता नहीं बदली है, मानवजाति की आध्यात्मिक ज़रूरतें नहीं बदली है, अपनी उत्पत्ति का पता लगाने की मानवजाति की इच्छा नहीं बदली है, सृष्टिकर्ता द्वारा बचाए जाने की मानवजाति की इच्छा नहीं बदली है। उस मनुष्य की वर्तमान परिस्थितियाँ ऐसी ही हैं, जो परमेश्वर के अधिकार के अधीन रहता है और जिसने शैतान के द्वारा किए गए रक्तरंजित विध्वंस को सहा है।

—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I से रूपांतरित

पिछला: 927 परमेश्वर का अधिकार स्वर्गिक आदेश है जिसे शैतान कभी नहीं तोड़ सकता

अगला: 929 ये वही इंसान है बनाया था परमेश्वर ने जिसे

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें