98 परमेश्वर के वचनों से दूर नहीं जा सकता कोई
ये तथ्य है कि परमेश्वर अपने वचनों को,
पूरी कायनात पर राज करने,
इन्सान को जीतने के लिए, काम में लायेगा।
1
पवित्रात्मा लोगों को एक एहसास देता है।
जो पढ़ते हैं परमेश्वर के दिए गये वचनों को,
उनके दिल शांत, सहज होते हैं,
जिन्हें वचन नहीं मिलते, वे खालीपन महसूस करते हैं।
परमेश्वर के वचनों का सामर्थ्य कुछ ऐसा है
और सभी को इन वचनों को पढ़ना ही चाहिए।
इन्हें पढ़कर लोग पोषित और मजबूत होते हैं।
पढ़ें तो निरोग, न पढ़ें तो निस्तेज होते हैं।
यही मायने हैं परमेश्वर और उसके वचनों के धरती पर राज के।
भविष्य का पथ है ऐसा:
जिन्होंने पाया वचन, मिलेगी राह उन्हें, राह इस संसार में।
चाहे वो करता हो कोई भी कारोबार,
गर उसके पास नहीं है वचन तो,
उसके लिए एक कदम भी चलना मुश्किल होगा,
उसे होना पड़ेगा मजबूर सच्चे मार्ग को ढूंढने के लिए।
इस बात का मतलब है ये सत्य संग पूरे संसार में चलोगे तुम,
सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम;
हाँ सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम।
2
कुछ लोग परमेश्वर के कार्य से थक जाते हैं या छोड़ जाना चाहते हैं।
लेकिन फिर भी वे परमेश्वर के वचनों से दूर नहीं जा सकते हैं।
भले ही कमज़ोर हैं वे, पर जीने के लिए वचनों पर उन्हें निर्भर होना होगा।
भले ही हैं विद्रोही वो, वचनों से दूर जाने का साहस नहीं करते।
परमेश्वर के वचन जब अपना सामर्थ्य दिखाते हैं,
तब उसके शासन और शक्ति का उपयोग होता है,
कोई भी उसके वचनों को छोड़ कर नहीं जा सकता है,
परमेश्वर इस तरह काम करता है।
ईश्वर के वचन फैलेंगे असंख्य घरों में, सभी द्वारा जाने जायेंगे।
केवल तभी फैलेगा उसका काम पूरी दुनिया में।
भविष्य का पथ है ऐसा:
जिन्होंने पाया वचन, मिलेगी राह उन्हें, राह इस संसार में।
चाहे वो करता हो कोई भी कारोबार,
गर उसके पास नहीं है वचन तो,
उसके लिए एक कदम भी चलना मुश्किल होगा,
उसे होना पड़ेगा मजबूर सच्चे मार्ग को ढूंढने के लिए।
इस बात का मतलब है ये सत्य संग पूरे संसार में चलोगे तुम,
सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम;
हाँ सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम।
3
परमेश्वर की महिमा के दिन, उसके वचन सामर्थ्य, अधिकार दिखाते हैं।
उसके वचन आरम्भ से अंत तक सच होंगे, पूरे होंगे।
इस तरह, परमेश्वर की धरती पर महिमा होगी,
और इसका मतलब है ये कि उसके वचन धरा पर शासन करेंगे।
भविष्य का पथ है ऐसा:
जिन्होंने पाया वचन, मिलेगी राह उन्हें, राह इस संसार में।
चाहे वो करता हो कोई भी कारोबार,
गर उसके पास नहीं है वचन तो,
उसके लिए एक कदम भी चलना मुश्किल होगा,
उसे होना पड़ेगा मजबूर सच्चे मार्ग को ढूंढने के लिए।
इस बात का मतलब है ये सत्य संग पूरे संसार में चलोगे तुम,
सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम;
हाँ सत्य बिना कहीं न जा सकोगे तुम।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सहस्राब्दि राज्य आ चुका है से रूपांतरित