1009 परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण न करने वाले दंडित किये जाएंगे
1
परमेश्वर निष्पक्ष है, वो धार्मिक स्वभाव से इंसान का न्याय करे।
इंसान से उसकी अपेक्षा सही और उचित है।
इंसान कोई भी हो, कुछ शर्तें सभी को पूरी करनी हैं।
तुम्हारी योग्यता कुछ भी हो,
ईश्वर सिर्फ़ ये देखे, क्या तुम उसके मार्ग पर हो,
क्या तुम सत्य से प्रेम करते हो।
आज ईश-वचनों का पालन करो, तुम उसकी प्रशंसा पाओगे।
जो विद्रोही हैं, ईश-विरोधी हैं, जो ईश-मार्ग पर न चलें,
वो सज़ा पाएँगे, सज़ा पाएँगे!
कोई माफ़ी नहीं पाता, कोई बख़्शा नहीं जाता!
2
अगर सत्य का अभाव है, ईश-नाम को शर्मिंदा करते हो,
उसके मार्ग पर न चलकर, सिर्फ़ अनुसरण करो
तो वो तुम्हें मार डालेगा, तुम्हें बुराइयों की सज़ा देगा।
क्या कह पाओगे ईश्वर धार्मिक नहीं?
तुम कहते हर मुश्किल में उसका अनुसरण किया,
हर कदम पर तुमने सिर्फ़ दुख झेला;
तुम कहते अच्छा-बुरा वक्त तुमने ईश्वर से साझा किया,
पर तुमने ईश-वचनों को नहीं जिया।
आज ईश-वचनों का पालन करो, तुम उसकी प्रशंसा पाओगे।
जो विद्रोही हैं, ईश-विरोधी हैं, जो ईश-मार्ग पर न चलें,
वो सज़ा पाएँगे, सज़ा पाएँगे!
कोई माफ़ी नहीं पाता, कोई बख़्शा नहीं जाता!
3
तुम ईश्वर के लिए सिर्फ़ ख़ुद को खपाना चाहते हो,
पर सार्थक जीवन जीने की नहीं सोचते।
तुम कहते ईश्वर धार्मिक है, तुम्हें याद रखेगा,
क्योंकि तुमने मेहनत की है, दुख उठाए हैं,
तुम उसके लिए समर्पित हो, भाग-दौड़ करते हो।
पर ईश्वर की धार्मिकता बेदाग़ है अशुद्ध चीज़ों से,
इसमें कोई इंसानी इच्छा नहीं, ये देह से दूषित नहीं,
न ही दूषित है इंसानी लेन-देन से।
आज ईश-वचनों का पालन करो, तुम उसकी प्रशंसा पाओगे।
जो विद्रोही हैं, ईश-विरोधी हैं, जो ईश-मार्ग पर न चलें,
वो सज़ा पाएँगे, सज़ा पाएँगे!
कोई माफ़ी नहीं पाता, कोई बख़्शा नहीं जाता!
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान से रूपांतरित