295 आत्मायुक्त प्राणी थे मूल इंसान

1

परमेश्वर ने आरंभ में इंसान को बनाया।

परमेश्वर ने आरंभ में इंसान को बनाया।

यानी उसने इंसान के पूर्वज आदम को बनाया,

पूरे आकार में, वास्तविकता से, जीवन-शक्ति से भरपूर बनाया।

परमेश्वर की महिमा से मंडित आदम सचेत हुआ।

तब परमेश्वर ने पहली औरत हव्वा को बनाया।

उसने हव्वा को आदमी की पसली से बनाया।

हव्वा भी पूर्वज है इंसान की।

आदम और हव्वा पैदा हुए, परमेश्वर की साँस और महिमा से।


2

परमेश्वर ने आदम को महिमा और जीवन से भरपूर बनाया।

वो पूर्ण मूर्त रूप था, जीव था मिली थी आत्मा जिसे,

मिली थी साँसें जिसे, परमेश्वर की छवि का प्रतिरूप था वो।

दूसरा प्राणी हव्वा थी, साँसें थी जिसमें, जिसे बनाया परमेश्वर ने, परमेश्वर ने,

जिसमें भरपूर जीवन था, परमेश्वर की महिमा थी,

आदम से बनी थी वो परमेश्वर का ही रूप था उसमें भी,

प्राणी जिसमें अस्थि, देह और आत्मा थी।

कितना गौरवमय, महिमामय दिन था, जब परमेश्वर ने आदम को बनाया।

कितना गौरवमय, महिमामय दिन था, जब परमेश्वर ने हव्वा को बनाया।

मानव के पूर्वज थे वो, इंसाँ का पावन और अनमोल ख़ज़ाना।

वो औरत और आदमी थे, प्राणी थे आत्मा थी जिनमें।

वो औरत और आदमी थे, प्राणी थे आत्मा थी जिनमें, प्राणी थे आत्मा थी जिनमें।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, एक वास्तविक व्यक्ति होने का क्या अर्थ है से रूपांतरित

पिछला: 294 परमेश्वर की दया ने मनुष्य को आज तक जीवित रखा है

अगला: 296 भ्रष्ट मानवता की त्रासदी

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें