78 हमारा प्यारा

1

सर्वशक्तिमान परमेश्वर,

है अंत दिनों का मसीह,

उसे प्यार करते हैं, उसके सभी लोग।

विनम्र होकर, आता है वो बचाने इंसान को,

बड़े अपमान सहता है वो।

लाता है वो सत्य, राह अनंत जीवन की,

अँधेरी दुनिया पर चमकती है रोशनी।

उसके वचन हैं सत्य, शक्ति से भरे,

जिससे जीते जाते हैं करोड़ों दिल।

सुनकर परमेश्वर की वाणी,

उस तक उठाये जाते हैं,

हम परमेश्वर के संग भोज में जाते हैं।

आनंद लेते हैं उसके वचनों का,

सत्य समझते हैं,

दिल में भर जाते हैं ख़ुशी और रोशनी।


कितना कुछ है ईश्वर में प्रेम करने को,

बसा है वो हमारे दिल में पहले से ही।

सत्य को खोजते, अनुसरण करते हुए,

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।

हम सत्य को अभ्यास में लाते हैं,

सच्चे मनुष्य के जैसे जीते हैं।

हम परमेश्वर के प्रेम और उद्धार के साक्षी हैं।

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।


2

सर्वशक्तिमान परमेश्वर,

है अंत दिनों का मसीह,

उसे प्यार करते हैं, उसके सभी लोग।

उसके कठोर वचन से,

इंसान की प्रकृति का पर्दा खुले,

उसके कोमल वचन,

इंसान के दिल को छुएं।

उसका स्वभाव है प्रेम और दया,

ये है धर्मी न्याय, प्रताप से भरा।

वचन से न्याय और शुद्धिकरण होता है;

वही है वो जो हमें सबसे प्यारा।

न्याय और ताड़ना से देख पाते हैं हम,

वो कितना योग्य है हमारे प्रेम का।

पूरे दिल से, हाँ पूरे दिल से,

हम उसे प्यार करते हैं।


कितना कुछ है ईश्वर में प्रेम करने को,

बसा है वो हमारे दिल में पहले से ही।

सत्य को खोजते, अनुसरण करते हुए,

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।

हम सत्य को अभ्यास में लाते हैं,

सच्चे मनुष्य के जैसे जीते हैं।

हम परमेश्वर के प्रेम और उद्धार के साक्षी हैं।

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।


3

जो है हमारा सब देते हैं उसे,

निभाते अपना फ़र्ज़ उसे ख़ुश करने के लिए।

मसीह है सत्य, मार्ग और जीवन,

बचाने आता है वो लेकर अपने वचन।

राज्य में ले जाये जाते हैं हम,

उद्धार के लिए शुक्रिया कहते हैं हम।


कितना कुछ है ईश्वर में प्रेम करने को,

बसा है वो हमारे दिल में पहले से ही।

सत्य को खोजते, अनुसरण करते हुए,

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।

हम सत्य को अभ्यास में लाते हैं,

सच्चे मनुष्य के जैसे जीते हैं।

हम परमेश्वर के प्रेम और उद्धार के साक्षी हैं।

उसे खुश करने की करेंगे कोशिश सदा।

पिछला: 77 सबसे प्यारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर

अगला: 79 सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें