79 सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे
1
हैं किसके वचन महान रोशनी की तरह, करें उन्हें प्रकाशित जो अन्धेरे में हैं?
हैं किसके वचन जो दिखाते राह हमें वापस परमेश्वर के घर की,
उठाते हमें सामने परमेश्वर के?
हैं किसके वचन फ़व्वारे की तरह, जो कभी सूखता नहीं?
है किसके वचन सींचते-खिलाते हमें, देते पोषण दिलों को हमारे?
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
लौटकर आये उद्धारक हो तुम, मनुष्य के पुत्र का प्रकटन हो तुम।
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
प्रकट होकर, कार्य करते, सत्य व्यक्त करते, लोगों के बीच रोशनी लाते हो तुम।
2
हैं किसके वचन बेहद कीमती, सत्य और जीवन?
हैं किसके वचन शुद्ध करते भ्रष्टता हमारी, बनाते नया इंसान हमें?
हैं किसके वचन तेज़ तलवार से, धार्मिक और प्रतापी?
हैं किसके वचन जीतते जनसमूह का हृदय, लाते परमेश्वर की शरण में उन्हें?
लाते परमेश्वर की शरण में उन्हें?
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
न्याय और शुद्धिकरण करते हमारा, लाते मार्ग अनंत जीवन का तुम्हारे वचन।
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
शुद्ध करते हटाकर चेहरा पुराना हमारा, नया बनाते हमें तुम।
3
हैं किसके वचन फैलते हर दिशा में? है फैलता किसका पवित्र नाम?
हैं किसके वचन जीतते परमेश्वर के जनों को हर देश में,
ताकि आयें सभी उसके सिंहासन के सामने?
हैं किसके वचन बंधन की तरह, जोड़ते हमारे दिलों को?
परे देश-जाति से, हम समर्पित करें वफ़ादारी अपने परमेश्वर को।
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
तुम्हारा भरपूर गुणगान करते तुम्हारे जन, प्रेम-गीत गाते तुम्हारे लिये निरंतर हम।
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे।
देते तुम्हारी गवाही तुम्हारे जन,आज्ञापालन करेंगे तुम्हारा,
प्रेम करेंगे तुम्हें अनंत काल तक, प्रेम करेंगे तुम्हें अनंत काल तक।