390 विश्वासियों के लिए क्रियाओं के सिद्धांत
1
जब तुम लोग ईश्वर को संतुष्ट करते हो,
उसकी देखभाल, सुरक्षा को स्वीकारते हो,
तब तुम लोग धार्मिक कहलाते हो।
जो ईश्वर की सुरक्षा, पूर्णता को स्वीकारते हैं,
उसकी देखभाल को स्वीकारते, उसे प्राप्त होते हैं,
वे ईश्वर द्वारा धार्मिक और अनमोल माने जाते।
जानो कि तुम लोग धार्मिकता का अभ्यास करते हो या नहीं,
तुम्हारे हर काम पर ईश्वर की नज़र है या नहीं।
है यही वो सिद्धांत जिस पर ईश्वर का हर विश्वासी अपना जीवन गुज़ारता है।
2
आज के ईश-वचनों को तुम लोग जितना ज़्यादा अपनाओगे,
उसकी इच्छा को उतना ही ज़्यादा समझोगे, पाओगे,
उसकी अपेक्षाओं को उतना ही ज़्यादा
संतुष्ट कर पाओगे, उसके वचन जी पाओगे।
यही ईश्वर-आदेश है तुम्हारे लिए;
इसे ही तुम लोगों को हासिल करना चाहिए।
जानो कि तुम लोग धार्मिकता का अभ्यास करते हो या नहीं,
तुम्हारे हर काम पर ईश्वर की नज़र है या नहीं।
है यही वो सिद्धांत जिस पर ईश्वर का हर विश्वासी अपना जीवन गुज़ारता है।
जानो कि तुम लोग धार्मिकता का अभ्यास करते हो या नहीं,
तुम्हारे हर काम पर ईश्वर की नज़र है या नहीं।
है यही वो सिद्धांत जिस पर ईश्वर का हर
विश्वासी अपना जीवन गुज़ारता है, गुज़ारता है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, दुष्टों को निश्चित ही दंड दिया जाएगा से रूपांतरित