634 ताड़ना मिलने और न्याय किए जाने के कारण तुम लोगों को सुरक्षा दी जाती है
1
आज तुम लोगों को इसलिए सुरक्षा दी जाती है क्योंकि तुम लोगों को ताड़ना और शाप दिया जाता है,
तुम लोगों का न्याय किया जाता है।
क्योंकि तुम लोगों ने काफी कष्ट उठाया है इसलिए तुम्हें संरक्षण दिया जाता है।
नहीं तो, तुम लोग बहुत समय पहले ही दुराचार में गिर गए होते।
यह जानबूझ कर तुम लोगों के लिए चीजों को मुश्किल बनाना नहीं है—
मनुष्य की प्रकृति को बदलना मुश्किल है,
और उसके स्वभावों को बदलने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
आज, तुम लोगों के पास पौलुस जैसी जागरूकता भी नहीं है।
तुम लोगों की आत्माओं को जगाने के लिए हमेशा ताड़ना और न्याय का रास्ता अपनाना पड़ता है।
ताड़ना और न्याय ही वह चीज हैं जो तुम लोगों के जीवन के लिए सर्वोत्तम हैं।
और जब आवश्यक हो,
तो तुम पर आ पड़ने वाले तथ्यों की ताड़ना भी होनी चाहिए;
केवल तभी तुम लोग पूरी तरह से समर्पण करोगे।
2
तुम लोगों की प्रकृतियाँ ऐसी हैं कि ताड़ना और शाप के बिना,
तुम लोग अपने सिरों को झुकाने और समर्पण करने के अनिच्छुक होगे।
तुम लोगों की आँखों के सामने तथ्यों के बिना, तुम पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
तुम लोग चरित्र से बहुत नीच और बेकार हो।
ताड़ना और न्याय के बिना,
तुम लोगों पर विजय प्राप्त करना कठिन होगा,
और तुम लोगों की अधार्मिकता और अवज्ञा को जीतना मुश्किल होगा।
तुम लोगों का पुराना स्वभाव बहुत गहरी जड़ें जमाए हुए है।
यदि तुम लोगों को सिंहासन पर बिठा दिया जाए,
तो तुम्हें नहीं पता होगा कि ब्रह्मांड में तुम्हारी जगह कहाँ है,
तुम लोग किस ओर जा रहे हो इसके बारे में तो बिल्कुल भी अंदाजा न होगा।
यहाँ तक कि तुम लोगों को यह भी नहीं पता कि तुम सब कहाँ से आए हो,
तो तुम लोग सृष्टि के प्रभु को कैसे जान सकते हो?
3
आज की समयोचित ताड़ना और शापों के बिना
तुम्हारा अंतिम दिन बहुत पहले ही आ चुका होता।
तुम लोगों के भाग्य की तो बात ही क्या—
क्या यह खतरे के और भी निकट नहीं होता?
इस समयोचित ताड़ना और न्याय के बिना,
कौन जाने कि तुम लोग कितने घमंडी हो गए होते,
और कौन जाने तुम लोग कितने पथभ्रष्ट हो जाते।
इस ताड़ना और न्याय ने तुम लोगों को आज के दिन तक पहुँचाया है,
और इन्होंने तुम लोगों के अस्तित्व को संरक्षित रखा है।
तुम लोगों के पास स्वयं को नियंत्रित करने और आत्मचिंतन करने की बिल्कुल कोई योग्यता नहीं है।
क्या तुम लोगों को आज की ताड़ना और न्याय को स्वीकारने में बेहतर नहीं करना चाहिए?
तुम लोगों के पास और क्या विकल्प हैं?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अभ्यास (6)