627 धार्मिक धारणाओं को पकड़े रखना तुम्हें बर्बाद ही करेगा
ईश्वर में है अनंत बुद्धि और विपुलता,
उसके अद्भुत काम और वचन हैं इंसान के आनंद के लिए।
1
धार्मिक धारणाएँ रखने वाले, जो खुद को बड़ा बताते,
खुद को किनारे नहीं कर पाते, वे इन नयी चीज़ों को स्वीकार नहीं पाते।
पवित्रात्मा के पास उन्हें पूर्ण करने का अवसर नहीं।
जो आज्ञा नहीं माने, जिसमें ईश-वचनों की प्यास नहीं,
वो इन नयी बातों को स्वीकार सकता नहीं।
वो और विद्रोही, कपटी बन जाएगा,
गलत राह पर, गलत राह पर चला जाएगा।
आज से ईश्वर उन्हें पूर्ण बनाएगा जिनमें धार्मिक धारणाएँ नहीं,
जो त्यागें अपने पुराने तौर-तरीके,
जो हैं उसके वचनों के प्यासे, उसकी आज्ञा मानें।
ऐसे लोगों को सेवा करनी चाहिए परमेश्वर की।
2
अपने काम से ईश्वर ऐसे और लोग खड़ा करना चाहे,
जो उससे प्यार करें, नई रोशनी स्वीकार सकें।
वो काट देगा उन्हें जो धर्म से चिपकें, खुद को बड़ा बतायें,
वो उसे न चाहे, जो बदलाव का विरोध करे।
तुम अपने मुताबिक, अपने मुताबिक करते हो सेवा,
या करते वो जो ईश्वर चाहे?
तुम हो धर्म के अधिकारी या ईश्वर द्वारा पूर्ण बनाए गए नवजात बच्चे?
आज से ईश्वर उन्हें पूर्ण बनाएगा जिनमें धार्मिक धारणाएँ नहीं,
जो त्यागें अपने पुराने तौर-तरीके,
जो हैं उसके वचनों के प्यासे, उसकी आज्ञा मानें।
ऐसे लोगों को सेवा करनी चाहिए परमेश्वर की।
3
पुरानी धार्मिक धारणाएँ इंसान की ज़िंदगी छीन सकें,
इंसान के अनुभव उसे ईश्वर से दूर ले जा सकें।
इन बातों को किनारे न किया तो वे तुम्हारा विकास रोक देंगी।
ईश्वर उन्हें पूर्ण करे जो उसकी सेवा करें, उन्हें यूँ ही न निकाल देगा।
जब तुम ईश-वचनों के न्याय, ताड़ना को स्वीकारते,
अपने धार्मिक तौर-तरीकों, नियमों को किनारे करते,
आज के ईश-वचनों को पुरानी धारणाओं से नहीं मापते,
तभी होगा कोई भविष्य, कोई भविष्य तुम्हारा।
गर चिपके रहे पुराने तरीकों से, सँजोये रहे उन्हें,
तो तुम नहीं बचाए जा सकते।
ईश्वर ध्यान नहीं देता, ध्यान नहीं देता, ध्यान नहीं देता ऐसे लोगों पर।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, धार्मिक सेवाओं का शुद्धिकरण अवश्य होना चाहिए से रूपांतरित