629 क्या तुमने अपनी धार्मिक अवधारणाओं को त्यागा है?
1 आज ऐसे बहुत से लोग हैं जो भ्रमित तरीके से आस्था रखते हैं। तुम लोगों के अंदर जिज्ञासा बहुत अधिक है, आशीषों को प्राप्त करने की इच्छा बहुत अधिक है, और जीवन खोजने की आकांक्षा बहुत कम है। तुम लोग केवल बेमन से परमेश्वर का अनुसरण करते हो, और सही राह की खोज करने की कोशिश नहीं करते, तुम जीवन को प्राप्त करने के इरादे से नहीं आए हो। तुम लोगों का रवैया बस ये है कि देखें क्या होता है। क्योंकि तुम लोगों ने अपनी कई पुरानी धारणाओं को छोड़ा नहीं है, तुम लोगों में से ऐसा कोई भी नहीं है जो स्वयं को पूरी तरह से अर्पित करने में सक्षम हो। इस बिंदु पर पहुंचने के बाद भी, दिन और रात तुम्हारे अंदर विचार उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं, तुम लोग अभी भी अपनी नियति के बारे में चिंतित बने रहते हो और कभी भी इसे छोड़ नहीं पाते।
2 क्या तुम्हें लगता है कि जब मैं फ़रीसियों के बारे में बात करता हूँ, तो मैं धर्म के "पुरनियों" का उल्लेख कर रहा होता हूँ? क्या तुम लोग वर्तमान युग के सबसे अग्रिम फ़रीसियों के प्रतिनिधि नहीं हो? क्या तुम्हें लगता है कि जब मैं उन लोगों का उल्लेख करता हूँ, जो मुझे बाइबल की कसौटी पर जांचते हैं, तो मैं वे केवल धार्मिक मंडलियों के उन बाइबल विशेषज्ञों के बारे में ही बात कर रहा होता हूँ? क्या तुम मानते हो कि जब मैं उन लोगों के बारे में बात करता हूँ जो एक बार फिर क्रूस पर परमेश्वर को चढ़ा रहे हैं, तो मैं धार्मिक मंडलियों के अगुआओं के बारे में बात कर रहा हूँ? क्या तुम लोग उन सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक नहीं हो जो यह भूमिका निभाने के एकदम योग्य हैं? क्या तुम्हें लगता है कि लोगों की धारणाओं के विरुद्ध मैं जो वचन कहता हूँ वो बस मज़हबी पादरियों और एल्डरों का मज़ाक उड़ाना है? क्या तुम लोगों ने भी इन सभी चीज़ों में अपनी भूमिका नहीं निभाई है?
3 क्या तुम लोग आश्वस्त हो कि तुम लोगों ने बस कुछ ही धारणाएं पाल रखी हैं? बात बस इतनी-सी है कि अब तुम सबने चालाक बनना सीख लिया है। तुम लोग उन चीज़ों के बारे में बात नहीं करते या उनके बारे में अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं करते जिन्हें तुम लोग समझते नहीं हो, लेकिन तुम्हारे भीतर ऐसा दिल नहीं है जिसमें श्रद्धा और समर्पण हो। जैसा कि तुम लोग देख सकते हो, पढ़ना, देखना, और प्रतीक्षा करना, आज तुम लोगों के अभ्यास के सर्वोत्तम तरीके हैं। तुम लोगों ने ज़्यादा ही चालाक होना सीख लिया है। क्या तुम लोगों को इसका एहसास है कि यह एक तरह का मनोवैज्ञानिक कपट है? क्या तुम लोगों को लगता है कि तुम लोगों की कुछ पल की चतुराई तुम लोगों को अनन्त ताड़ना से बचने में मदद करेगी?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम लोगों को कार्य को समझना चाहिए—भ्रम में अनुसरण मत करो! से रूपांतरित