267 दौलत-शोहरत से शैतान लोगों के विचारों पर नियंत्रण करता है

1 शैतान मनुष्य के विचारों को नियन्त्रित करने के लिए प्रसिद्धि एवं लाभ का तब तक उपयोग करता है जब तक लोग केवल और केवल प्रसिद्धि एवं लाभ के बारे में सोचने नहीं लगते। वे प्रसिद्धि एवं लाभ के लिए संघर्ष करते हैं, प्रसिद्धि एवं लाभ के लिए कठिनाइयों को सहते हैं, प्रसिद्धि एवं लाभ के लिए अपमान सहते हैं, प्रसिद्धि एवं लाभ के लिए जो कुछ उनके पास है उसका बलिदान करते हैं, और प्रसिद्धि एवं लाभ के वास्ते वे किसी भी प्रकार की धारणा बना लेंगे या निर्णय ले लेंगे। इस तरह से, शैतान लोगों को अदृश्य बेड़ियों से बाँध देता है और उनके पास इन्हें उतार फेंकने की न तो सामर्थ्‍य होती है न ही साहस होता है। वे अनजाने में इन बेड़ियों को ढोते हैं और बड़ी कठिनाई से पाँव घसीटते हुए आगे बढ़ते हैं। इस प्रसिद्धि एवं लाभ के वास्ते, मनुष्यजाति परमेश्वर को दूर कर देती है और उसके साथ विश्वासघात करती है, तथा निरंतर और दुष्ट बनती जाती है। इसलिए, इस प्रकार से एक के बाद दूसरी पीढ़ी शैतान के प्रसिद्धि एवं लाभ के बीच नष्ट हो जाती है।

2 हो सकता है कि आज तुम लोग अब तक शैतान की भयानक मंशाओं की वास्तविक प्रकृति को नहीं देख पा रहे हो क्योंकि तुम लोग सोचते हो कि प्रसिद्धि एवं लाभ के बिना कोई जी नहीं सकता है। तुम सोचते हो कि यदि लोग प्रसिद्धि एवं लाभ को पीछे छोड़ देते हैं, तो वे आगे के मार्ग को देखने में समर्थ नहीं रहेंगे, अपने लक्ष्यों को देखने में समर्थ नहीं रह जायेँगे, उनका भविष्य अंधकारमय, मद्धिम एवं विषादपूर्ण हो जाएगा। परन्तु, धीरे-धीरे तुम सभी लोग यह समझ जाओगे कि प्रसिद्धि एवं लाभ ऐसी भयानक बेड़ियाँ हैं जिनका उपयोग शैतान मनुष्य को बाँधने के लिए करता है। जब वो दिन आएगा, तुम पूरी तरह से शैतान के नियन्त्रण का विरोध करोगे और उन बेड़ियों का पूरी तरह से विरोध करोगे जिनका उपयोग शैतान तुम्हें बाँधने के लिए करता है। जब वह समय आएगा कि तुम उन सभी चीज़ों को फेंकने की इच्छा करोगे जिन्हें शैतान ने तुम्हारे भीतर डाला है, तब तुम शैतान से अपने आपको पूरी तरह से अलग कर लोगे और तुम सच में उन सब से घृणा करोगे जिन्हें शैतान तुम तक लाया है। केवल तभी मानवजाति के पास परमेश्वर के लिए सच्चा प्रेम और लालसा होगी।

—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI से रूपांतरित

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