195  देह-सुख को त्यागना सत्य का अभ्यास करना है

1

जब से लोग ईश्वर में विश्वास करने लगे,

तब से उन्होंने कई गलत इरादे पाले हैं।

गर तुम सत्य को अभ्यास में नहीं लाते,

तो तुम्हें लगता है, तुम्हारे सारे इरादे सही हैं,

लेकिन गर तुम्हारे साथ कुछ हो जाए,

तो तुम देखोगे, तुम्हारे कई इरादे गलत हैं।

जब ईश्वर लोगों को पूर्ण बनाता है, तो उन्हें महसूस करवाता है,

कि उनकी कई धारणाएँ उनके ईश-ज्ञान में बाधक हैं।


समझकर अपनी गलत मंशाओं को,

जो करो किनारे उन्हें और अपनी धारणाओं को,

दो गवाही, रहो अडिग हर बात में,

तो ये साबित करे कि तुम हो देह के खिलाफ़ खड़े,

देह के खिलाफ़ खड़े।


2

जब तुम देह के विरुद्ध विद्रोह करते हो,

तो भीतर एक अनिवार्य युद्ध होता है।

शैतान कोशिश करेगा कि लोग उसका अनुसरण करें,

देह की धारणाएँ और हित कायम रखें,

पर ईश् वचन प्रबुद्ध और रोशन करेंगे।

तो तुम ईश्वर के पीछे जाओगे या शैतान के?


समझकर अपनी गलत मंशाओं को,

जो करो किनारे उन्हें और अपनी धारणाओं को,

दो गवाही, रहो अडिग हर बात में,

तो ये साबित करे कि तुम हो देह के खिलाफ़ खड़े।


3

ईश-विरोधी धारणाओं से निपटने के लिए,

वो लोगों से सत्य पर अमल करने को कहे।

पवित्र आत्मा छुए उन्हें, प्रबुद्ध बनाए।

हर घटना के पीछे एक युद्ध है :

जब ईश-प्रेम या सत्य पर कोई अमल करे

तो होता एक महान युद्ध शुरू।


उनके हृदय की गहराइयों में

जीवन-मृत्यु का एक संघर्ष चलता है,

यद्यपि देह से सब अच्छे लग सकते हैं।

इस युद्ध, महान चिंतन के बाद ही,

परिणाम जाना जा सकता है।

ये युद्ध लोगों को पीड़ित और शुद्ध करता है।

पर यदि तुम ईश्वर के साथ खड़े होगे, तो उसे संतुष्ट करोगे।

सत्य के अभ्यास में पीड़ा से बचा नहीं जा सकता।


समझकर अपनी गलत मंशाओं को,

जो करो किनारे उन्हें और अपनी धारणाओं को,

दो गवाही, रहो अडिग हर बात में,

तो ये साबित करे कि तुम हो देह के खिलाफ़ खड़े।

समझकर अपनी गलत मंशाओं को,

जो करो किनारे उन्हें और अपनी धारणाओं को,

दो गवाही, रहो अडिग हर बात में,

तो ये साबित करे कि तुम हो देह के खिलाफ़ खड़े,

देह के खिलाफ़ खड़े।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है से रूपांतरित

पिछला: 194  सत्य का अभ्यास करने वाले ही परीक्षणों में गवाही दे सकते हैं

अगला: 196  शरीर त्यागने का अभ्यास

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें