230  इंसान को जो करना है उस पर उसे अटल रहना चाहिये

1

शुद्ध कुँवारी और पवित्र आत्मिक देह के समर्पण के मायने हैं,

सच्चे हृदय को परमेश्वर के सम्मुख रखना।

इंसान के लिये, निर्मलता है परमेश्वर के सामने सच्चा हो पाना।

एक ही शर्त है पवित्र आत्मा के कार्य की:

अपने पूरे दिल से खोजना चाहिये इंसान को,

शक की नज़रों से न देखे परमेश्वर के काम को,

निभाए हर वक्त अपने फ़र्ज़ को।

हासिल किया जा सकता है सिर्फ इसी तरह, पवित्र आत्मा के काम को।


2

परमेश्वर के कार्य के हर कदम में, अगाध आस्था होनी चाहिये इंसान की,

और खोजना चाहिये उसे परमेश्वर के सामने।

सिर्फ़ अनुभव के ज़रिये, परमेश्वर की प्रियता को पा सकता है इंसान,

कैसे कार्य करता है पवित्र आत्मा, देख सकता है इंसान।

अनुभव नहीं करते हो तुम अगर,

अपने मार्ग को इसके ज़रिये महसूस नहीं करते हो तुम अगर,

तो कुछ हासिल नहीं कर पाओगे, नहीं खोजते हो तुम अगर।

चूँकि अपने अनुभव से ही तुम परमेश्वर के कर्मों को देख पाओगे,

कितना अद्भुत है, कितना अथाह है वो, ये देख पाओगे।


3

यही सच्चा रास्ता है, चूँकि ये यकीन है तुम्हें,

अंत तक इसका अनुसरण करना चाहिये तुम्हें,

बनाए रखनी चाहिये अपनी भक्ति परमेश्वर के लिये।

चूँकि देखा है तुमने, परमेश्वर स्वयं आया है धरती पर पूर्ण करने तुम्हें,

तुम्हें अपना हृदय पूरी तरह से दे देना चाहिये।

वो कुछ भी करे चाहे, तुम्हारा परिणाम बुरा हो चाहे,

फिर भी कर सकते हो तुम उसका अनुसरण सदा।

यही है बनाए रखना निर्मलता।

एक प्राणी के फ़र्ज़ को पूरा करो, परिणाम चाहे कुछ भी हो,

परमेश्वर को जानने की खोज करो, और उसे प्रेम करो,

जैसे चाहे परमेश्वर तुम से बर्ताव करे, कभी शिकायत न करो।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति बनाए रखनी चाहिए से रूपांतरित

पिछला: 229  परीक्षणों के दौरान मनुष्य को किसका पालन करना चाहिए

अगला: 231  विजेता हैं वे जो परमेश्वर की शानदार गवाही दें

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें