611  परमेश्वर मनुष्य को किस तरह देखता है

1

यीशु ने जब देखी, इंसान की पापमय ज़िंदगी,

उसके दिल में लोगों को उनके संघर्ष से

मुक्त कराने की प्रबल इच्छा जगी।

उसे जल्द ही क्रूस पर उनके पाप सहने होंगे।

यीशु के विचार ऐसे थे इंसानों के बीच रहने,

पाप में जीने का उनका दुख महसूस करने के बाद।


देहधारी ईश्वर का इंसान के लिए ऐसी इच्छा रखना—

क्या यह किसी आम इंसान का स्वभाव है?


वो मानवजाति को हमेशा

सृष्टिकर्ता के पद की ऊँचाई से दिव्य आँखों से देखे।

वो मानवजाति को भ्रष्ट, औसत लोगों की नज़रों से नहीं,

ईश्वर के सार और मन से देखे।


2

ऊपर से तो ईश्वर इंसान का रूप धरे,

उसका ज्ञान और उसकी भाषा सीखे,

अपने विचार व्यक्त करने को

उसके तरीके इस्तेमाल करे,

पर वो इंसान को ऐसे देखे जैसे इंसान न देख सके।

ईश्वर चीज़ों के सार को जैसे देखे

वो भ्रष्ट इंसान के देखने के तरीके से बिल्कुल अलग है।


उसका नज़रिया, जिस ऊंचाई पर खड़ा है वो

कोई भी भ्रष्ट इंसान उसे कभी न पा सके।


वो मानवजाति को हमेशा

सृष्टिकर्ता के पद की ऊँचाई से दिव्य आँखों से देखे।

वो मानवजाति को भ्रष्ट, औसत लोगों की नज़रों से नहीं,

ईश्वर के सार और मन से देखे।


3

चूंकि स्वयं ईश्वर सत्य है,

उसके देह में भी ईश-सार है,

इंसान के रूप में उसके विचार

और अभिव्यक्तियाँ सत्य हैं।

उसका देह कितना भी निम्न हो,

लोग उससे अवमानना से पेश आएँ,

इंसान के प्रति उसके रवैये और विचार की

कोई नकल न कर सके, उन्हें धारण न कर सके।


वो मानवजाति को हमेशा

सृष्टिकर्ता के पद की ऊँचाई से दिव्य आँखों से देखे।

वो मानवजाति को भ्रष्ट, औसत लोगों की नज़रों से नहीं,

ईश्वर के सार और मन से देखे।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III से रूपांतरित

पिछला: 610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

अगला: 612  जब तुम खोलते हो अपना हृदय परमेश्वर के लिए

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें