72 परमेश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
जितना ज़्यादा गाते हम, उतने ही मधुर भाव आते।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रशंसा के योग्य है!
1
परमेश्वर के देहधारण का गायन करते हैं हम।
उनके सिंहासन के सम्मुख उठाये जाते हैं हम।
स्वर्ग की तरफ़ देखकर अब लालायित नहीं होते हम।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर से रूबरू हैं हम।
हमें सत्य के साथ दिशा दिखाते हैं वो,
साथ हमारे, कितने सच्चे, कितने असल हैं वो।
आनंद लेते हर दिन उनके वचनों का हम।
है कितना मीठा एहसास सत्य को समझना।
परमेश्वर के लिये प्रेम से भरा है दिल हमारा,
क्योंकि देखते हम उनका चेहरा प्यारा।
नाचते-गाते उनकी स्तुति में हम,
बयाँ कर नहीं सकते उनकी प्रियता को हम।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
जितना ज़्यादा गाते हम, उतने ही मधुर भाव आते।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रशंसा के योग्य है!
2
परमेश्वर के धार्मिक न्याय का गायन करते हम।
उनके वचन शुद्ध करते, बचाते हमें,
उजागर करते इंसान की शैतानी प्रकृति को,
और इंसान की भ्रष्टता के सत्य को।
शुद्ध करते हमारे
शैतानी स्वभाव को,
बनाते हमें नया इंसान उनके वचन।
त्याग दिया हमने शैतानी शक्तियों को।
देखते हम परमेश्वर के सच्चे प्रेम को।
प्यारी है उनकी धार्मिकता,
कितनी मधुर है उनकी पवित्रता।
बेपनाह प्रेम करते उन्हें हम।
स्तुति करते परमेश्वर की हम;
रोक नहीं पाते अपने एहसास को हम।
आ नहीं सकता कुछ भी हमारे और परमेश्वर के बीच।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
जितना ज़्यादा गाते हम, उतने ही मधुर भाव आते।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रशंसा के योग्य है!
3
शासन करते राज्य के जीवन में परमेश्वर के वचन।
प्रकाश के दायरे में रहते हैं हम।
सत्य-प्राप्ति ने कर दिया मुक्त हमें।
दिल से, ईमान से, करते आराधना परमेश्वर की हम।
उनके अंतरंग बन गये हैं हम,
निष्ठा से उनकी सेवा करते हैं हम।
भार साझा करते हम उनके लिए,
निभाते फ़र्ज़ अपना पूरे दिल से।
परमेश्वर को प्रेम करने के मार्ग पर बढ़ रहे निरंतर हम।
कर सकते प्रेम परमेश्वर को,
समर्पित हो सकते अब उनको हम,
जीना उनके लिये, आनंद है महानतम।
हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर
करें स्तुति आपकी हम, स्तुति आपकी हम।
करेंगे आराधना आपकी अनंतकाल तक हम।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
जितना ज़्यादा गाते हम, उतने ही मधुर भाव आते।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रशंसा के योग्य है!
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
जितना ज़्यादा गाते हम, उतने ही मधुर भाव आते।
ईश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम।
सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रशंसा के योग्य है!