275 दया भरी चेतावनी का गीत
1
मसीह है विजयी। मसीह है विजयी।
परमेश्वर का अनुसरण करके और सत्य प्राप्त करके,
तुम चलते हो जीवन की राह पर।
धर्मशास्त्र में तलाश करके और सिद्धांत का प्रचार करके,
तुम नुकसान पहुंचाते हो दूसरों को और ख़ुद को।
सिद्धांतों का उपदेश देकर और नियमों को पकड़े रखकर
तुम दिखाते हो कि नहीं है तुम्हारे पास कोई वास्तविकता।
नारेबाज़ी करके और अभ्यास न करके,
तुम साफ़ तौर पर दे रहे हो धोखा परमेश्वर को।
हैसियत की होड़ में लगना और ख्याति की खोज करना है अभिमान और दंभ से भरा।
अपनी इच्छाओं के पीछे चलकर और सत्य का उल्लंघन करके,
तुम करते हो विरोध परमेश्वर का।
अपने दिल में धारणाएं रखकर और परमेश्वर का विरोध करके,
तुम ख़ुद को रखते हो उसके प्रतिरोध में।
अंतर न समझ पाना और हर किसी की बात सुनना बनाता है तुम्हें कितना मूर्ख।
इंसान की आराधना करना और इंसान का अनुसरण करना बनाता है तुम्हें अविश्वासी।
अपने गुणों पर और अपने पर निर्भर रह कर हासिल कर नहीं सकते तुम कुछ भी।
सिर्फ़ परमेश्वर का भय मानकर और बुराई को त्याग कर ही तुम बन सकते हो बुद्धिमान।
आदर्शों के साथ अपने कर्तव्य पूरे करके, तुम पाते हो परमेश्वर की प्रशंसा।
ओह, मसीह है सत्य हमेशा।
ओह, मसीह है सत्य हमेशा।
2
मसीह है विजयी। मसीह है विजयी।
ईमानदार लोग नहीं करते अपने कर्तव्यों में कोताही।
धोखेबाज़ लोग कर सकते हैं कुछ कोशिश,
लेकिन होती नहीं उनमें वफ़ादारी।
अच्छे दिल के साथ और अच्छे कर्म करोगे,
तो परमेश्वर अवश्य बचाएगा तुम्हें।
द्वेषपूर्ण दिल और बुरी इंसानियत रखोगे,
तो परमेश्वर ज़रूर करेगा तुम्हें बेनक़ाब।
अनुग्रह की खोज करके और न्याय को अस्वीकार करके,
तुम सच में देते हो धोखा परमेश्वर को।
परमेश्वर के वचनों का अभ्यास करोगे और वास्तविकता को पाओगे, तो परमेश्वर अवश्य देगा तुम्हें आशीष।
विभाजन पैदा करना और लोगों को धोखा देना हैं कर्म शैतान के।
ख़ुद को स्थापित करना और दूसरों को अपने सामने झुकाना है बहुत ही ज़्यादा अभिमानी।
दूसरों को फुसलाना और अपना राज्य स्थापित करना बनाता है तुम्हें एक दुष्ट राक्षस और मसीह विरोधी।
परमेश्वर का अनुसरण करना और उसके वचनों पर चलना बनाता है तुम्हें सच में बुद्धिमान।
परमेश्वर की गवाही देना और परमेश्वर ऊंचा उठाना है सच्ची सेवा।
परमेश्वर को प्रेम करना और सत्य का अभ्यास करना है पतरस की सफलता की राह।
ओह, मसीह है सत्य हमेशा।
ओह, मसीह है सत्य हमेशा।