दुर्भाग्य बेहद पास था! मैंने प्रभु को करीब-करीब अनदेखा कर दिया था (भाग 1)

27 मई, 2019

वेलियन, अमेरिका

हाई स्कूल खत्म किये ज़्यादा समय नहीं हुआ था कि एक मित्र ने मुझे फंसा कर पिरामिड योजना में शामिल कर लिया। मैं वाकई इससे निकलना चाहता था, लेकिन इसे छोड़ने का मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। मैं बेबस और दर्द में था, मुझे लग रहा था मानो मेरा भविष्य प्रकाश से रहित, अंधकारमय था—मैं पूरी तरह से भटक गया था। जुलाई 2016 में, मेरे दर्द और लाचारी के बीच बाइबल की एक प्रति मेरे हाथों में चली आई; मैंने सीखा कि परमेश्वर ने दुनिया और इंसानों को बनाया है। प्रभु यीशु द्वारा मानवजाति के छुटकारे से मैं बहुत द्रवित हुआ और मैंने परमेश्वर से मन में कहा, "अगर आप सच में इस ब्रह्मांड में, इस दुनिया के इतने दयालु, प्यार करने वाले परमेश्वर हैं, तो मैं आपसे याचना करता हूँ कि आप मेरी पीड़ा से बचने में मदद करें और मुझे एक ऐसी उम्मीदों भरी जगह में ले चलें जहाँ मैं अपनी किस्मत बदल सकूँ।" मैंने अक्सर यह प्रार्थना करता था और आश्चर्यजनक रूप से, एक महीने से भी कम समय में, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर चल पड़ा था।

अमेरिका पहुंचते ही मैंने जो सबसे पहला काम किया वो था, न्यूयार्क के चाइनाटाउन में एक चीनी कलीसिया खोजना, उसके बाद से मैं हर रविवार को मिस्सा-प्रार्थना में भाग लेता था।

यीशु के वापसी के लिए स्थितियों को अनुकूल बनाना: आकस्मिक घटना से मिली बड़ी फ़सल

एक साल बाद एक दिन, मैंने पादरी को यह कहते हुए सुना, "हम अंत के दिनों में जी रहे हैं और प्रभु यीशु किसी भी क्षण लौट सकते हैं और हमें स्वर्ग के राज्य में ले जा सकते हैं। हमें सतर्कता से उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए। पूर्वी बिजली इस बात की गवाही दे रही है कि प्रभु पहले से ही देह में लौट आए हैं, और वह एक महिला हैं। यह संभव ही नहीं है! बाइबल कहती है, 'जिसकी दुलहिन है, वही दूल्हा है' (यूहन्ना 3:29)। जब प्रभु लौटेंगे तो 'दूल्हा' 'दुल्हन' को शादी करके ले जाएगा, दूल्हे के इस संदर्भ का अर्थ है कि जब प्रभु लौटेंगे तो वह निश्चित रूप से एक पुरुष होंगे। संभवत: वह महिला कैसे हो सकते हैं?" पादरी ने तब पूर्वी बिजली की निंदा करने वाली अन्य बातों को कहा और बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें उनकी बात नहीं माननी चाहिए; उन्होंने हमें अजनबियों के प्रति सावधान रहने का आग्रह किया। जब उन्होंने ये सब कहा तो मैंने बहुत ईमानदारी से सिर हिलाया है, और उसके बाद से कलीसिया ने जब भी कोई अंजन व्यक्ति मुझसे संपर्क करने की कोशिश करता, तो मैं बात करने से इनकार कर देता था।

अचानक एक दिन, मैं बहन टीना और भाई झाओ से उनके एक दोस्त के घर पर मिला, मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता था। जब मुझे पता चला कि भाई झाओ एक उपदेशक हैं, तो मैं तुरंत चौकन्ना हो गया और उनसे जाँच-पड़ताल करते हुए पूछने लगा, "भाई, मैंने सुना है कि आप सभी जगहों पर सुसमाचार का प्रचार करते हैं और कलीसियाओं की चरवाही करते हैं। क्या आप पूर्वी बिजली से परिचित हैं? वे इस बात की गवाही देते हैं कि प्रभु पहले ही लौट चुके हैं, कि वे देह में सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं। वे यह भी कहते हैं कि वह एक महिला के रूप में देहधारी हुए हैं। आपका इस पर क्या कहना है?" भाई झाओ मुस्कुराये और उन्होंने कहा, "'पूर्वी बिजली' शब्द बाइबल में प्रभु की एक भविष्यवाणी से आता है, 'क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा' (मत्ती 24:27)। तो यह निश्चित रूप से अंत के दिनों में मनुष्य के पुत्र के से सम्बन्धित है। हमें वास्तव में पूर्वी बिजली की अच्छी समझ नहीं है, लेकिन विश्वासियों के रूप में हमें परमेश्वर के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए, हम अपने मन से बस यों ही अपनी राय व्यक्त नहीं कर सकते। याकूब 4:12 में लिखा है, 'व्यवस्था देनेवाला और हाकिम तो एक ही है, जो बचाने और नाश करने में समर्थ है। पर तू कौन है जो अपने पड़ोसी पर दोष लगाता है?' और नीतिवचन 13:3 कहता है, 'जो अपने मुँह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो गाल बजाता है उसका विनाश हो जाता है।' ये पद हमें बहुत स्पष्ट रूप से याद दिलाते हैं कि हमें अपने शब्दों को लेकर बहुत ही सावधान रहना चाहिए ताकि हम मनमाने ढंग से निंदा करके परमेश्वर को नाराज न करें। हम सृजे गये जीव हैं, इसलिए सृष्टिकर्ता के सामने हमारे पास विवेक होना चाहिए और परमेश्वर के प्रति श्रद्धा का भाव होना चाहिए। परमेश्वर अपने कार्य को जैसे भी अंजाम दें, इसमें उनकी योजना होती है; प्रभु को कैसे कार्य करना चाहिए इसे सीमित करने के लिए हम अपने स्वयं के विचारों और कल्पनाओं पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। अगर हम परमेश्वर के कार्य के बारे में यों ही बात करते हैं, तो संभव है कि हम उनके स्वभाव को अपमानित कर दें और उनकी नाराज़गी को झेलते हुए, अपने ऊपर बर्बादी ले आयें।"

भाई झाओ के बहुत ही उचित शब्दों ने मुझे शर्मिंदा कर दिया। मैंने सोचा कि कैसे मैं एक अफवाह सुनकर उसे ही तोते जैसा रट रहा था, कैसे मुझे पूर्वी बिजली के बारे में कोई समझ नहीं थी, लेकिन फिर भी मैंने मनमाने ढंग से उसकी आलोचना की। क्या यह वास्तव में अनुचित नहीं है? क्या परमेश्वर के प्रति श्रद्धालू हृदय के बिना, उनको अपमानित करने वाली बातें बिना सोचे समझे कहना, समस्या नहीं है? इसके बारे में सोचकर, मैंने और कुछ नहीं कहा लेकिन सच्चाई से भाई झाओ की संगति को सुनने लगा। उन्होंने सत्य के पहलुओं पर अपनी संगति में कुछ बाइबल के अंशों को जोड़ा जैसे कि सच्चा विश्वास क्या है, परमेश्वर पर विश्वास करने और किसी व्यक्ति में विश्वास करने के बीच क्या अंतर है, अंत के दिनों में प्रभु यीशु की वापसी को कैसे देखना है, और कैसे बुद्धिमान कुवाँरियाँ प्रभु की वाणी को समझती हैं। उनकी संगति पवित्र आत्मा के प्रबोधन से भरी थी; यह सुनकर मेरा दिल रोशन हो गया और मैंने कई सत्यों को समझ लिया, जिन्हें मैंने पहले कभी नहीं समझा था। मुझे समझ आया कि कलीसिया के पादरी और एल्डर केवल बाइबल के शाब्दिक अर्थ और कुछ सैद्धांतिक बाइबल ज्ञान के बारे में बात करते हैं; यह सब नीरस और बेजान है और थोड़ा भी आनंद नहीं देता है। मेरी आत्मा के लिए कोई पोषण नहीं है, और हर सभा में मैं नींद की झपकी लिए बिना नहीं रह पाता हूँ। उस दिन भाई झाओ के साथ संगति करना, वह पहला अवसर था जब मुझे वास्तव में लाभकारी अनुभव हुआ था। मैंने महसूस किया कि अपने पिछले कई वर्षों के विश्वास की तुलना में उस सभा में मुझे कहीं अधिक प्राप्ति हुई थी—मैं खुश था और हमारी अगली बैठक का उत्सुकता से इंतजार कर रहा था।

यीशु की वापसी में मेरा युद्ध: तो पूर्वी बिजली यह थी—अब क्या?

कुछ और सभाओं के बाद, भाई झाओ ने गवाही दी कि प्रभु पहले ही लौट आये हैं, और वह परमेश्वर के भवन से शुरू होने वाले न्याय का कार्य करने वाले देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं। जब उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु लौट आए हैं और उन्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहा जाता है, तो मुझे तुरंत पादरी की कई चेतावनियों की याद आई जहाँ उन्होंने पूर्वी बिजली द्वारा प्रचारित किसी बात को न सुनने के लिए कहा था। मुझे बेचैनी और असहजता महसूस होने लगी। मैंने जाने से पहले थोड़ी देर और सुना, लेकिन मेरा दिल इसमें नहीं लगा। जब मैं घर गया तो मैं अपने बिस्तर पर गिर गया और कई बार सोचा भाई झाओ की संगति में जो सुना था उसपर विचार किया। उन्होंने सत्य पर अपनी संगति में हमेशा बाइबल के अंशों को शामिल किया था, और जो उन्होंने साझा किया वह व्यावहारिक था, उसमें वास्तव में प्रकाश निहित था। मैं पवित्र आत्मा की प्रबुद्धता को महसूस कर सकता था, कुछ भी गलत नहीं लग रहा था। मैं उन सभी प्रकार के सत्यों को समझ गया था, जिन्हें मैंने पहले कभी नहीं समझा था और मुझे वास्तविक आध्यात्मिक भरण-पोषण महसूस हुआ था। हालांकि, धार्मिक समूहों में सभी पादरियों और एल्डरों ने पूर्वी बिजली की निंदा की थी। मैं उलझन में था कि मुझे किसकी बात सुननी चाहिए और किसकी नहीं। मैं करवटें बदलता रहा लेकिन सो न सका, जितना मैं इसके बारे में सोचता था, द्वंद और बढ़ता जाता था। मुझे गलत रास्ता अपनाने और अनंत काल तक उद्धार खो देने का डर था। यह वाकी एक दुविधा थी—एक ओर, मैं वास्तव में इससे दूर जाना चाहता था, लेकिन दूसरी ओर, मैं खोज और जाँच जारी रखना चाहता था। मैंने उस शाम, बहन टीना से अपनी मन की बात कही, मेरी बात सुनने के बाद उसने यह अंश साझा किया: "यीशु की वापसी उन लोगों के लिए एक महान उद्धार है, जो सत्य को स्वीकार करने में सक्षम हैं, पर उनके लिए जो सत्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं, यह दंडाज्ञा का संकेत है। तुम लोगों को अपना स्वयं का रास्ता चुनना चाहिए, और पवित्र आत्मा के ख़िलाफ़ निंदा नहीं करनी चाहिए और सत्य को अस्वीकार नहीं करना चाहिए। तुम लोगों को अज्ञानी और अभिमानी व्यक्ति नहीं बनना चाहिए, बल्कि ऐसा बनना चाहिए, जो पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन का पालन करता हो और सत्य की खोज के लिए लालायित हो; सिर्फ़ इसी तरीके से तुम लोग लाभान्वित होगे। मैं तुम लोगों को परमेश्वर में विश्वास के रास्ते पर सावधानी से चलने की सलाह देता हूँ। निष्कर्ष पर पहुँचने की जल्दी में न रहो; और परमेश्वर में अपने विश्वास में लापरवाह और विचारहीन न बनो। तुम लोगों को जानना चाहिए कि कम से कम, जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं उन्हें विनम्र और श्रद्धावान होना चाहिए" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा)

बहन टीना ने जवाब दिया, "भाई, प्रभु के आगमन का स्वागत करना एक अत्यंत महत्वपूर्ण मामला है। हमें प्रार्थना करनी चाहिए और प्रभु के मार्गदर्शन की तलाश करनी चाहिए; अगर किसी की भी बात हम आँख बंद करके सुनेंगे और यों ही फैसला ले लेंगे तो बहुत संभावना है कि हम परमेश्वर के उद्धार को खो दें!" उसकी संगति सुनने के बाद मैंने इस अंश को कई बार पढ़ा और महसूस किया कि परमेश्वर की वापसी के प्रति अपने दृष्टिकोण में, प्रभु की इच्छा तलाशने के बजाय मैं अपने व्यक्तिपरक विचारों पर चीजों को आंक रहा था। इस तरह से कार्य करते हुए, मैं ईसाई कहलाने के लायक नहीं था, इससे प्रभु का दूसरा आगमन बहुत आसानी से मुझसे छूट जायेगा। चूँकि मैंने प्रभु यीशु के लौटने की खबर सुनी थी, इसलिए मैंने महसूस किया कि मुझे प्रार्थना और प्रभु के मार्गदर्शन की तलाश करनी चाहिए; अगर सर्वशक्तिमान परमेश्वर वास्तव में लौटे हुए प्रभु यीशु हैं और मैंने उन्हें स्वीकार नहीं किया है, तो क्या मैं स्वर्गारोहित होने का मौका नहीं गँवा दूँगा? मैंने बिना समय गंवाए घुटने टेककर प्रभु से प्रार्थना की, "हे प्रभु, क्या पूर्वी बिजली आपका प्रकटन और कार्य है? अभी, मैं इसे पूरी तरह से समझ नहीं पाया हूँ और मैं गलत रास्ता अपनाने से बहुत डरता हूँ, लेकिन मुझे आपके उद्धार को चूकने का भी डर है। प्रभु, मैं सच में खो गया हूँ। मैं आपसे याचना करता हूँ कि मुझे आगे का रास्ते दिखाएं और मुझे गलत रास्ते पर जाने से बचाएं ताकि मैं आपकी वापसी का स्वागत कर सकूं।"

दो दिन बाद कलीसिया जाने के रास्ते पर, एक बहन ने मुझे एक कहानी सुनाई, जिसमें किसी को ठीक समय पर बचाया गया था—मुझे यह कहानी बहुत प्रेरित करने वाली लगी। कलीसिया जाने के बाद, मैंने प्रार्थना में अपनी कठिनाई के बारे में एक बार फिर से प्रभु से खुल कर बात की। हैरानी की बात है कि पादरी ने भी अपने उपदेश में वैसी ही एक कहानी बताई। मैं बहुत अचंभित हो गया और बहुत हिल गया था। अप्रत्याशित रूप से, एक दिन के भीतर मैंने दो लोगों को यह कहानी सुनाते हुए सुना कि किसी को ठीक समय पर बचा लिया गया। इस पर विचार करते हुए, मैंने सोचा, "क्या प्रभु इस उपाख्यान का उपयोग मुझे ये बताने के लिए कर सकते हैं कि मुझे उनके उद्धार के अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए?" मैंने तब अचानक प्रभु की इच्छा को समझ लिया और दिल से उनके प्रबोधन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। मैंने तब सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य की तलाश और जाँच करना जारी रखने का फैसला किया।

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