प्रश्न 10: मैं कई सालों से यूनाइटेड फ्रंट के साथ काम कर रहा हूँ, और मैंने कई धार्मिक विश्वासों का अध्ययन किया है। ईसाई धर्म, कैथोलिक धर्म, और पूर्वी परंपरागत धर्म सभी शास्त्रसम्मत धर्म हैं जो मसीह में विश्वास करते हैं। लेकिन सर्वशक्तिमान परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास बिलकुल अलग है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार के दस्तावेज़ों के अनुसार, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का ईसाई धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। तुम ईसाई धर्म के नाम पर उन अलग-अलग संप्रदायों में सुसमाचार का प्रचार कर रहे हो जो तुम्हें एक ईसाई के रूप में पहचानते तक नहीं हैं। तो इसलिए मैं तुम्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने की अनुमति कभी नहीं दूंगा। चाहो तो केवल ईसाई धर्म में विश्वास कर सकते हो। इस तरह से सरकार की सज़ा कुछ कम होगी। अगर तुम्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने के जुर्म में जेल में डाल दिया जाता है, तो तुम्हारी ज़िंदगी बहुत ख़तरे में होगी। सीसीपी सरकार जानती है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने वाले हमेशा से अंत के दिनों के मसीह के अनुयायी हैं जो मसीह के समर्थक और प्रेरित हैं। जिस बात से चीनी कम्युनिस्ट सरकार को सबसे अधिक डर है वह अंत के दिनों के मसीह द्वारा व्यक्त की गयी किताब वचन देह में प्रकट होता है के प्रकाशन और उसकी गवाही है, और साथ ही उस कट्टर समूह से है जो अंत के दिनों के मसीह का अनुसरण करते हैं। हमने ईसाई धर्म के इतिहास को पढ़ा है। यहूदी और रोमन साम्राज्य भी यीशु के समर्थकों और प्रेरितों से ही सबसे अधिक डरते थे। तो जब इन लोगों को पकड़ा गया तो, इन्हें अलग-अलग तरह से मौत की सज़ा दी गयी। आज, अगर अंत के दिनों के मसीह का अनुसरण करने वाले इन लोगों के समूह को दबाया नहीं गया तो, कुछ ही वर्षों में, वे पूरे धार्मिक समुदाय को अपने साथ शामिल कर लेंगे। अभी तक, चीन में कई ईसाई गुटों को सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया द्वारा शामिल किया जा चुका है। अगर चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने झाओयुआन मामले में कुछ लोगों की झूठी आम राय न बनाई होती और नकली केस न बनाया होता तो शायद ऐसा दिन आता जब दुनिया के सभी धार्मिक समुदाय सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में शामिल हो जाते। एक बार अगर सभी धार्मिक समुदाय सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में शामिल हो गए तो, यह चीनी कम्युनिस्ट सरकार के शासन के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होगा। इसलिए, केन्द्रीय समिति ने सारी उपलब्ध सेना को तैनात करने का एक मज़बूत निर्णय लिया है ताकि बहुत कम समय में ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को पूरी तरह से बंद किया जा सके। तुम्हें जानना चाहिये, चमकती पूर्वी बिजली के उभरने ने न केवल चीन में खलबली मचा दी है बल्कि इसने दुनिया को प्रभावित किया है। क्योंकि तुमने इतना बड़ा कदम उठाया है, तो चीनी कम्युनिस्ट सरकार तुम्हें दबाने और गिरफ़्तार करने की मुहिम को पूरे ज़ोरों से क्यों नहीं लागू करेगी? अगर तुम्हें परमेश्वर में विश्वास करना ही है, तो तुम केवल ईसाई धर्म में विश्वास कर सकते हो। सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास नहीं कर सकते। क्या तुम्हें यह नहीं पता कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया ईसाई धर्म में नहीं आती है?
उत्तर: आपने अभी केवल वो कारण बताए कि क्यों चीनी कम्युनिस्ट सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को दबा रही है। पर क्या आपको पता है कि मुख्य ईसाई गुट सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में क्यों शामिल हुए हैं? क्योंकि अलग-अलग सम्प्रदायों और गुटों ने परमेश्वर की वाणी को सुना है। जब उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और उनके कार्य को देखा, तो उन्हें विश्वास हो गया कि प्रभु यीशु लौट आये हैं। और इसलिए वे सभी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर मुड़ गए। यह एक बहुत अच्छी ख़बर है क्योंकि सभी धार्मिक समुदाय के विश्वासियों को इसकी लंबे समय से उम्मीद थी। अंत के दिनों के मसीह कार्य के लिए प्रकट हो चुके हैं। ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म के सभी संप्रदाय और दल सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने लगे हैं। समय का इशारा भी यही है। इससे साबित होता है कि ईसाई धर्म और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया, दोनों परमेश्वर के कार्य के द्वारा ही बनाये गए हैं। ईसाई धर्म अनुग्रह के युग की ईसाई कलीसिया के अंतर्गत आता है जबकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया राज्य के युग की ईसाई कलीसिया से संबंधित है। वे एक समान तरीके से ईसाई धर्म के अंतर्गत आते हैं। चीनी कम्युनिस्ट सरकार इस बात से क्यों मना करती हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया ईसाई धर्म का ही हिस्सा है? चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक नास्तिक राजनीतिक पार्टी है, जो सच्चाई से नफ़रत करती है और परमेश्वर का सबसे अधिक विरोध करती है। वह ईसाई धर्म के बारे में क्या जानती है? किस योग्यता के आधार पर वह बोलती है कि कौन सी कलीसिया ईसाई धर्म की है और कौन सी नहीं? चीनी कम्युनिस्ट सरकार को ईसाई धर्म के बारे में कुछ नहीं पता है। वे परमेश्वर की कलीसिया की निंदा करने की हिम्मत भी कैसे कर सकते हैं। क्या इन सब बातों को समझने का नाटक करना चीनी कम्युनिस्ट सरकार के लिए अत्यंत शर्म की बात नहीं है? देहधारी प्रभु यीशु ने अपने प्रकटन और कार्यों से ईसाई धर्म को बनाया है। क्योंकि प्रभु यीशु मसीह हैं, तो सभी कलीसियायें जो उनमें विश्वास करती हैं वे सभी ईसाई धर्म की अनुयायी हैं। प्रभु यीशु ने वादा किया था कि वे लौट कर आयेंगे। और अब प्रभु यीशु लौट आये हैं, यानी देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर। सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों के मसीह हैं। इसलिए जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करता है, उसे मसीह में भी विश्वास है। जो कोई मसीह में विश्वास करते हैं वे ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। प्रभु यीशु और सर्वशक्तिमान परमेश्वर दोनों दो अलग-अलग समय के देहधारी परमेश्वर हैं। वे दोनों एक ही परमेश्वर हैं। तो प्रभु यीशु में विश्वास करना और सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करना दोनों ही ईसाई धर्म का पालन करना है। ज़ाहिर है, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया समकालीन ईसाई धर्म है। सही ढंग से देखें तो, अंत के दिनों में केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करना ही सही मायनों में ईसाई धर्म का पालन करना है, क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर - अंत के दिनों के मसीह ने प्रकट हो कर अनुग्रह के युग को समाप्त कर दिया है और राज्य के युग को शुरू कर दिया है। सिर्फ जो अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, का पालन करते हैं, वे ही हैं जो मेमने का अनुसरण करते हैं। इसलिए, अंत के दिनों के मसीह की सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया अधिक व्यवहारिक ईसाई धर्म है।
"परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश