184 राज्य
1
राज्य मसीह का राज्य है, संतों का शहर।
यहाँ परमेश्वर की समृद्धि और महिमा प्रकट होती हैं।
बिजली पूर्व से निकलकर पश्चिम तक चमकती है।
सच्ची रोशनी यहाँ है, परमेश्वर का वचन देह में प्रकट हुआ है।
सफ़ेद बादल पर उतरता हुआ उद्धारकर्ता लौट आया है।
आज परमेश्वर की आराधना करने के लिए सिंहासन के सामने संत खड़े हैं।
अंत के दिनों में,पिछले संत फिर से उठ गए हैं, मजबूती से खड़े हैं।
राक्षसों के घर चीन में, उनका क्रूरता से दमन किया जाता है।
2
6000 वर्षों में, संतों ने रक्त और आँसू बहाए हैं,
घर जाने में असमर्थ, आराम करने के लिए कोई जगह नहीं, भटकते हुए।
दुःख की अंधेरी खाई में, शैतान की सेना नृत्य करती है।
लड़ाई, रक्त और आँसू साम्राज्य के आगमन में प्रवेश कराते हैं।
सुनते हैं हम परमेश्वर की आवाज़ और स्वर्गारोहित किये गये हैं उसके सिंहासन के सामने।
हम मसीह के न्याय से गुज़रते हैं,
मेमने के विवाह समारोह में भाग लेते हैं।
हम परमेश्वर के वचनों से शुद्ध होते है, देखते हैं कि वो धार्मिक और पवित्र है।
परमेश्वर के वचनों से जीते, परिपूर्ण किये गये, हम उसके द्वारा बचाए जाते हैं।
हम उसके द्वारा बचाए जाते हैं।
मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की स्तुति गाता हूं।
मैं उसके धार्मिक स्वभाव की सदा स्तुति करता हूं।
मैं उसकी नम्रता और अदृश्यता से अत्यंत प्रेम करता हूं।
मैं उसकी सर्वशक्तिमत्ता और बुद्धि देख उत्साह से उछल पड़ता हूं।
उसकी सर्वशक्तिमत्ता और बुद्धि।
3
परमेश्वर के प्यार को चुकाने में असमर्थ, मेरा दिल अपराधबोध और पीड़ा महसूस करता है।
मेरे पास दिल और आत्मा है, तो क्यों मैं परमेश्वर से प्यार नहीं कर सकता?
परमेश्वर मेरा सहारा है, क्यों डरूं? अंत तक शैतान के साथ लड़ूँगा।
परमेश्वर हमें उठाता है, इसलिए सब कुछ पीछे छोड़ो, मसीह के लिए गवाही देने के लिए लड़ो।
परमेश्वर पृथ्वी पर अपनी इच्छा निश्चित ही पूरी करेगा।
मैं उसे अपना प्यार, वफ़ादारी, समर्पण दूँगा।
जब वह महिमा में आएगा, तो मैं उसकी वापसी का स्वागत करूंगा,
जब मसीह का राज्य साकार होगा, मैं उससे फिर से मिलूंगा।
मैं उससे फिर से मिलूंगा।
4
मसीह युद्ध करने मनुष्य के रूप में देहधारण करके पृथ्वी पर आता है,
संतों के आंसुओं को पोंछता है, उन्हें शैतान से बचाता है।
हम शैतानों, परमेश्वर के कट्टर दुश्मनों से नफ़रत करते हैं।
उनके ख़ूनी अपराध अनकहे हैं, जो स्पष्ट यादें छोड़ जाते हैं।
तीव्र घृणा से भरे हुए, हमारे गुस्से को अब नहीं रोका जा सकता।
हम शैतान की निंदा करते हैं, प्रार्थना करते हैं कि शैतान का न्याय किया जाए और दंड दिया जाए।
कोई समझौता नहीं हो सकता, अंत तक लड़ने की हमारी प्रतिज्ञा है।
शैतान के राज्य का विनाश ही हमारी नफ़रत को मिटा सकता है।
शैतान के राज्य का विनाश ही हमारी नफ़रत को मिटा सकता है।
5
मुश्किलों से निकलते हैं अनेक विजयी अच्छे सैनिक।
परमेश्वर के साथ विजयी, अब हम उसकी गवाही हैं।
परमेश्वर की रोशनी में चलते हुए सभी लोग इस पर्वत तक आते हैं।
उस दिन का इंतज़ार करो जब परमेश्वर महिमा प्राप्त करेगा, यह जल्दी आ रहा है।
राज्य की महान महिमा पूरी दुनिया में प्रकट होनी चाहिए।
राज्य का भविष्य उज्ज्वल है, आकर्षक है।
शासन हासिल करने के लिए परमेश्वर स्वयं दुनिया में आता है।
पिछले संत मृत्यु से उठकर अनंत आशीष का आनंद लेते हैं।
परमेश्वर सत्य जारी करता है, इंसान का न्याय करता है,
अपनी धार्मिकता, अपनी धार्मिकता दिखाता है।
शैतान की दुनिया का आपदा अंत करती है,
धरती पर है परमेश्वर का राज्य, धरती पर।
राज्य मसीह का राज्य है,
संतों का शहर।
यहाँ परमेश्वर की समृद्धि और महिमा
प्रकट होती हैं।
यहाँ परमेश्वर की समृद्धि और महिमा प्रकट होती हैं।