270 परमेश्वर उनकी तलाश कर रहा है जो उसके प्रकटन के प्यासे हैं
1
नूह जैसे धार्मिक लोग,
जो ईश्वर को पूजते, बुराई से दूर रहते,
अब नहीं होते, फिर भी ईश्वर कृपालु है,
अंत के दिनों में इंसान को क्षमा करे।
ईश्वर के प्रकटन के लिए तरसने वालों को वो खोजे,
जो उसके वचन सुनें, शिशुओं जैसे आज्ञा मानें,
उसने जो सौंपा, उसे स्वीकारें
और अपना तन-मन उसे अर्पित करें।
अगर कुछ भी डिगा न सके,
ईश्वर के प्रति तुम्हारे समर्पण को,
तो वो देखेगा तुम्हें, देखेगा तुम्हें अनुग्रह से, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर, तुम पर, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर।
2
अगर तुम हो प्रतिष्ठित, ज्ञानी, अमीर,
सबका समर्थन है तुम्हारे पास,
पर फिर भी ईश्वर की बुलाहट और आदेश स्वीकारते,
तो तुम्हारे सभी काम होंगे सार्थक और धार्मिक।
अगर तुम ईश्वर की बुलाहट अनसुनी करते
अपनी हैसियत और लक्ष्यों के पीछे,
तो तुम्हारे सभी काम होंगे ईश्वर द्वारा शापित, तिरस्कृत।
अगर कुछ भी डिगा न सके,
ईश्वर के प्रति तुम्हारे समर्पण को,
तो वो देखेगा तुम्हें, देखेगा तुम्हें अनुग्रह से, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर, तुम पर, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर।
ओ, ओ, ओ ...
3
होगे तुम कोई एल्डर या अधिकारी,
पर कुछ भी हो हैसियत तुम्हारी,
ताकत और ज्ञान के भरोसे रहे तो,
विफल होगे, ईश्वर से आशीष न पाओगे।
क्योंकि तुम्हारा कोई काम ईश्वर न स्वीकारे,
न तुम्हारे काम को धार्मिक कहे।
तुम इंसान की भलाई के लिए काम नहीं करते
बल्कि उसे ईश्वर की सुरक्षा से छीनते।
वो कहेगा तुम इंसान को मृत्यु की ओर ले जा रहे,
अंधकार और अंतहीन अवस्था की ओर,
जहाँ इंसान ने खो दिया है ईश्वर को,
और उसके आशीषों को।
अगर कुछ भी डिगा न सके,
ईश्वर के प्रति तुम्हारे समर्पण को,
तो वो देखेगा तुम्हें, देखेगा तुम्हें अनुग्रह से, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर, तुम पर, हाँ।
ईश्वर बरसाएगा अपने आशीष तुम पर।
अपने आशीष तुम पर।
ओ, ओ, ओ ...
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 2: परमेश्वर संपूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियंता है से रूपांतरित