145 मैं तेरे साथ आँधी-तूफ़ानों से गुज़र सकता हूँ
1
मैं हर दिन तेरे वचनों का आनंद लेता हूँ; मैंने देखा है व्यवहारिक परमेश्वर कि तू सबसे मनोहर है।
देह में छिपकर आने के लिए तूने खुद को दीन बनाया है, इंसानों को बचाने के लिए सत्य व्यक्त किए हैं।
तू हर दिन कलीसियाओं के बीच चलता है, तू धैर्यपूर्वक हमें आहार दे रहा है, हमारा पोषण और सिंचन कर रहा है।
तू ख़ामोशी से अस्वीकृति और निंदा सहन करता है, हर मोड़ पर तू इंसान के लिये एक मिसाल है।
तेरी अगुवाई से मेरा दिल संतुष्ट है, तेरे वचन आगे की राह को रोशन करते हैं।
मैं करीब से तेरे पदचिह्नों का अनुसरण करता हूँ। मैं तेरे साथ आँधी-तूफ़ानों से गुज़र सकता हूँ।
2
मैं हर दिन तेरे वचनों का आनंद लेता हूँ; मैंने देखा है व्यवहारिक परमेश्वर कि तू सबसे मनोहर है।
तेरा न्याय और ताड़ना तेरे प्रेम को प्रकट करते हैं।
हम तेरे द्वारा शुद्ध किए जाते हैं, हम नए बनाए जाते हैं और हम रूपांतरित होकर, नए इंसान बन जाते हैं।
तेरी धार्मिकता और पवित्रता कितनी सुंदर है, मेरे दिल पर तेरा पूरा अधिकार है।
तेरे वचनों ने हमें पूरा कर दिया है, हम तेरे साथ एक दिल हैं, हम तेरे और करीब हो रहे हैं।
मैं करीब से तेरे पदचिह्नों का अनुसरण करता हूँ। मैं तेरे साथ आँधी-तूफ़ानों से गुज़र सकता हूँ।
3
मैं हर दिन तेरे वचनों का आनंद लेता हूँ; मैंने देखा है व्यवहारिक परमेश्वर कि तू सबसे मनोहर है।
हालाँकि हमने मुश्किलों और उत्पीड़न से गुजरते हुए बहुत अधिक सहा है, लेकिन तेरा प्रेम और वचन हमारा मार्गदर्शन करते हैं,
ताकि हमारे अंदर विश्वास और शक्ति आए और हम मुश्किलों में भी तेरी गवाही दें।
हम सदा तुझे प्रेम करेंगे और तेरे प्रेम का प्रतिदान देंगे, हम सत्य का प्रचार करेंगे और तेरी गवाही देंगे।
बरसों के हमारे साथ और आपसी प्रेम से, हमारा प्रेम आँधी-तूफ़ानों में और भी गहरा हुआ है।
मैं करीब से तेरे पदचिह्नों का अनुसरण करता हूँ। मैं तेरे साथ आँधी-तूफ़ानों से गुज़र सकता हूँ।