684 परमेश्वर की सच में तलाश करने वाले सभी लोग उसके आशीष प्राप्त कर सकते हैं
ईश-काम के इस चरण में लोगों को
कैसे उसका साथ देना चाहिए?
1
अभी ईश्वर लोगों की परीक्षा ले, वो न कुछ कहे।
वो खुद को छिपाये, इंसान की पहुँच से दूर रहे।
बाहर से तो ऐसा लगे कि वो कोई काम न करे;
सच तो है ये, इंसान में वो काम करता रहे।
जीवन-प्रवेश के खोजी के पास
अपनी खोज के लिए दर्शन होता,
ईश-कार्य न समझ पाने पर भी
उसके मन में संदेह नहीं होता।
विश्वास करो, कभी ईश्वर न इंसानों को मिटाएगा।
बल्कि, वो उन्हें वादे और आशीष है देता।
उसको खोजने वाले उसके आशीष पाएंगे,
ईश्वर करेगा किनारे उन्हें
जो ऐसा नहीं करते। ये तुम पे है।
तुम विश्वास करो कि ईश-कार्य होने के बाद
हर इंसान पहुँचेगा अपनी सही जगह।
2
ईश्वर के परीक्षणों से गुजरते हुए
जब तुम न जानो कि ईश्वर क्या
पाना चाहे तब भी,
ये जान लो कि ईश्वर के विचार हैं अच्छे।
गर अनुसरण करो तुम उसका सच्चे दिल से,
वो सदा तुम्हारे संग रहेगा;
अंत में तुम्हें पूर्ण करेगा,
इंसान को उचित जगह ले जायेगा।
विश्वास करो, कभी ईश्वर न इंसानों को मिटाएगा।
बल्कि, वो उन्हें वादे और आशीष है देता।
उसको खोजने वाले उसके आशीष पाएंगे,
ईश्वर करेगा किनारे उन्हें
जो ऐसा नहीं करते। ये तुम पे है।
तुम विश्वास करो कि ईश-कार्य होने के बाद
हर इंसान पहुँचेगा अपनी सही जगह।
3
चाहे ईश्वर कैसे भी तुम्हारी परीक्षा ले,
एक दिन आएगा जब वो सभी को उनके कर्मानुसार
इनाम या दंड देगा।
एक हद तक लोगों को ले जाकर
उन्हें किनारे न करेगा।
ईश्वर सदा भरोसेमंद है,
वो उन्हें अनदेखा न करेगा।
ईश-कार्य अनुभव करने को सभी को समझना होगा
ईश्वर का अभी का काम, और सहयोग कैसे करना है।
विश्वास करो, कभी ईश्वर न इंसानों को मिटाएगा।
बल्कि, वो उन्हें वादे और आशीष है देता।
उसको खोजने वाले उसके आशीष पाएंगे,
ईश्वर करेगा किनारे उन्हें
जो ऐसा नहीं करते। ये तुम पे है।
तुम विश्वास करो कि ईश-कार्य होने के बाद
हर इंसान पहुँचेगा अपनी सही जगह।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति बनाए रखनी चाहिए से रूपांतरित