अध्याय 25

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, शाश्वत पिता, शांति का राजकुमार, हमारा परमेश्वर राजा है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपने चरण जैतून के पर्वत पर रखता है। यह कितना खूबसूरत है! सुनो! हम प्रहरी पुकार रहे हैं; एक-साथ गा रहे हैं, क्योंकि परमेश्वर सिय्योन में लौट आया है। हम अपनी आँखों से यरूशलेम की वीरानी देख रहे हैं। तेज स्वर में उमंग से एक-साथ गाओ, क्योंकि परमेश्वर ने हमें शांति दी है और यरूशलेम को छुड़ा लिया है। परमेश्वर ने सारे राष्ट्रों के सामने अपनी पवित्र भुजा प्रकट की है, परमेश्वर का वास्तविक स्वरूप प्रकट हुआ है! पृथ्वी के सभी छोरों ने हमारे परमेश्वर के उद्धार को देखा है।

हे, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तेरे समस्त रहस्य उजागर करने के लिए तेरे सिंहासन से सात आत्माएँ प्रत्येक कलीसिया में भेजी गई हैं। अपने महिमा के सिंहासन पर बैठकर तूने अपने राज्य का संचालन किया है और इसे न्याय और धार्मिकता द्वारा मजबूत और स्थिर बनाया है, और तूने सभी राष्ट्रों को अपने अधीन कर लिया है। हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तूने राजाओं का कमरबंद ढीला कर दिया है, अपने सामने फाटक फिर कभी बंद न होने के लिए खोल दिए हैं। क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है और तेरी महिमा उदित हो गई है और अपनी चमक बिखेर रही है। पृथ्वी पर अँधियारा और लोगों पर घोर अंधकार छाया हुआ है। किंतु हे परमेश्वर! तू हमारे सामने प्रकट हुआ है, और तूने अपना प्रकाश हम पर चमकाया है और तेरी महिमा हम पर देखी जाएगी; सारे राष्ट्र तेरी रोशनी में और सारे राजा तेरी चमक में आ जाएँगे। तू अपनी आँखें उठाकर चारों ओर देखता है : तेरे पुत्र तेरे सामने इकट्ठे हो रहे हैं और वे बहुत दूर से आए हैं, तेरी पुत्रियाँ हाथों में उठाकर लाई जा रही हैं। हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तेरे महान प्रेम ने हमें अपनी गिरफ्त में ले लिया है; यह तू ही है जो हमें अपने राज्य के मार्ग पर आगे बढ़ाता है, और ये तेरे पवित्र वचन ही हैं जो हमें भिगोते हैं।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हम तुझे धन्यवाद देते हैं और तेरी प्रशंसा करते हैं! हमें अपना सम्मान करने दे, अपनी गवाही देने दे, अपनी बड़ाई करने दे, और निष्कपट, शांत और अखंड हृदय से अपने लिए गाने दे। हमें एकचित्त हो जाने दे और एक ही गठन बन जाने दे, और काश! तू जल्दी ही हमें उन जैसा बना दे, जो तेरे हृदय के अनुरूप हैं, ताकि तेरे द्वारा हमारा उपयोग किया जा सके। तेरी इच्छा पृथ्वी पर बिना किसी बाधा के पूरी हो।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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