166 दो हज़ार सालों की अभिलाषा
1
कि परमेश्वर ने किया है देहधारण हिल उठता है धार्मिक संसार,
होती है परेशान धार्मिक व्यवस्था,
और उन सभी की आत्मा होती है उद्वेलित
जिनको है अभिलाषा परमेश्वर के प्रकटन की।
होता मोहित इस पर कौन नहीं?
कौन न करता अभिलाषा परमेश्वर के दर्शन की, परमेश्वर के दर्शन की?
परमेश्वर ने बिताए हैं वर्षों मनुष्यों के मध्य,
लेकिन मनुष्य साधारण रूप से है इससे अनभिज्ञ।
आज करने के लिए, मनुष्य के साथ अपने,
पुराने प्रेम को नवीन, परमेश्वर खुद प्रकट हुआ है।
2
यहूदिया से उसके जाने के बाद,
परमेश्वर हुआ अदृश्य ना मिला कोई सुराग।
उसे दोबारा देखने के लिए लोगों में है अभिलाषा,
लेकिन उन्होंने कभी सोचा भी नहीं
है उसके साथ यहाँ और आज मिलने के लिए।
यह कैसे नहीं वापस ला सकती हैं बीते दिनों की, की याद?
दो हज़ार साल पहले, योना का पुत्र सिमोन प्रभु यीशु से मिला था,
और एक ही मेज पर खाया था प्रभु के साथ,
खाया था प्रभु के साथ, खाया था प्रभु के साथ।
वर्षों के अनुपालन से उसका प्रेम हुआ परमेश्वर के लिए गहरा।
उसने यीशु को किया प्रेम अपने हृदय की गहराई से,
हृदय की गहराई से, हृदय की गहराई से, हृदय की गहराई से।
परमेश्वर ने बिताए हैं वर्षों मनुष्यों के मध्य,
लेकिन मनुष्य साधारण रूप से है इससे अनभिज्ञ।
आज करने के लिए, मनुष्य के साथ अपने,
पुराने प्रेम को नवीन, परमेश्वर खुद प्रकट हुआ है,
परमेश्वर खुद प्रकट हुआ है, परमेश्वर खुद प्रकट हुआ है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कार्य और प्रवेश (10) से रूपांतरित