1030 जब मनुष्य अनंत मंजिल में प्रवेश करेगा

1

जब इंसान अनंत मंज़िल में प्रवेश करेगा,

वो सृष्टिकर्ता की आराधना करेगा।

चूँकि इंसान ने शाश्वत उद्धार पा लिया है,

वो किसी लक्ष्य का अनुसरण अब न करेगा,

शैतान द्वारा घेरे जाने का उसे डर न होगा।


इंसान अपनी जगह जान लेगा।

न्याय के बिना भी वो अपना कर्तव्य करेगा।

सभी होंगे ईश्वर के प्राणी, कोई ऊँच-नीच न होगी।

सभी बस अपना काम करेंगे।

सभी बस अपना काम करेंगे।


2

इंसान जी रहा होगा

एक व्यवस्थित दुनिया में जो है इंसान के लिए उपयुक्त।

अनंतकाल की मानवजाति बनकर विधाता को पूजने

इंसान अपना कर्तव्य करेगा।


इंसान ईश्वर के प्रकाश में जीवन पाएगा,

ईश्वर की सुरक्षा और देखभाल तले,

संग ईश्वर के, संग ईश्वर के।

इंसान धरती पर उचित जीवन जिएगा,

सही रास्ते में प्रवेश करेगा।


3

ईश्वर की 6000 साल की प्रबंधन योजना

पूरी तरह शैतान को हरा देगी।

केवल जब यह काम ख़त्म होगा

तभी इस दुनिया में इंसान का जीवन शुरू होगा,

तभी इस दुनिया में इंसान का जीवन शुरू होगा।


तभी इंसान की होगी बेहतरीन ज़िंदगी।

फिर ईश्वर पा लेगा इंसान को रचने का

अपना मूल उद्देश्य

और इंसान की मूल सदृशता,

इंसान की मूल सदृशता।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मनुष्य के सामान्य जीवन को बहाल करना और उसे एक अद्भुत मंज़िल पर ले जाना से रूपांतरित

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