168 अंत के दिनों का मसीह राज्य का प्रवेश द्वार है

1

परमेश्वर अब आत्मिक देह में नहीं,

बल्कि अपने दूसरे देहधारण के देह में कार्य करता है।

वो एक साधारण देह है, जो दिखता है दूसरों सा,

फिर भी जो सच तुमने कभी न सुना, उन्हें वो प्रदान करता है।

ये तुच्छ देह रखता है परमेश्वर के सारे सत्य-वचनों को,

ये देह, अंत के दिनों में, परमेश्वर का कार्य करता है।

परमेश्वर के पूरे स्वभाव को भी मानव के लिए व्यक्त करता है।


क्या तुम ने नहीं की कामना स्वर्ग में परमेश्वर को देखने की?

उसे समझने की और मानव की मंज़िल को देखने की?

जो राज़ तुम्हें कोई मानव न बता सका, वो तुम्हें बतायेगा,

जो सच तुम समझते नहीं हो, वो तुम्हें समझाएगा,

वो है तुम्हारा द्वार परमेश्वर के राज्य में।

वो है तुम्हारा मार्गदर्शक नए युग में।


2

ऐसा साधारण देह असीम रहस्यों को समेटे हुए है।

उसके कर्म अथाह लगते हैं, पर उसके कार्य का लक्ष्य दर्शाता है कि

वो नहीं इतना साधारण देह जितना उसे मानव मानता है,

क्योंकि वो दर्शाता है मानव के प्रति

परमेश्वर की इच्छा और परवाह, अंत के दिनों में।


तुम उसके उन वचनों को सुन नहीं सकते जो स्वर्ग और धरा को कँपाते हैं

न ही देख सकते हो उसकी ज्वाला सी आँखों को,

न महसूस कर सकते हो उसके लौह-दण्ड को,

पर तुम सुन सकते हो परमेश्वर के रोष को उसके वचनों में,

और जान सकते हो कि परमेश्वर मानवजाति के प्रति हमदर्दी दर्शाता है।

तुम देखोगे उसके धार्मिक स्वभाव को, उसकी प्रज्ञा को,

और करोगे एहसास पूरी मानवजाति के

प्रति परमेश्वर की चिंता और परवाह का।


क्या तुम ने नहीं की कामना स्वर्ग में परमेश्वर को देखने की?

उसे समझने की और मानव की मंज़िल को देखने की?

जो राज़ तुम्हें कोई मानव न बता सका, वो तुम्हें बतायेगा,

जो सच तुम समझते नहीं हो, वो तुम्हें समझाएगा,

वो है तुम्हारा द्वार परमेश्वर के राज्य में।

वो है तुम्हारा मार्गदर्शक नए युग में।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, क्या तुम जानते थे? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक महान काम किया है से रूपांतरित

पिछला: 167 वह सत्य, मार्ग और जीवन है

अगला: 169 भ्रष्ट मानवता को आवश्यकता है देहधारी परमेश्वर के उद्धार की

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें