29 मसीह का राज्य साकार हुआ है

1

अंत के दिनों का मसीह बोलता है वचन,

बताए जाते हैं राज्य के रहस्य।

हम सब सुनते हैं परमेश्वर की वाणी

और उसके सिंहासन के समक्ष उठाए जाते हैं।

हम आनन्द लेते हैं सिंचन का।

हम शामिल होते हैं मसीह के विवाह-भोज में,

परमेश्वर के वचनों का पोषण पाते हैं।

आनन्द से प्रफुल्लित होते हैं परमेश्वर के जन।

यहाँ है जीवन्त जल, अनमोल मन्ना।

हम परमेश्वर की जीवन के वचनों का सुखद श्रवण करते हैं।

परमेश्वर कार्य करने को अब प्रकट हुआ है,

मनुष्य के सहस्राब्दियों पुराने सपने को पूरा करता हुआ।


आह, मसीह का राज्य,

मघु और दूघ की भूमि।

आह, मसीह का राज्य,

सच्चे आनन्द और परम सुख की भूमि।

आह, मसीह का राज्य,

मघु और दूघ की भूमि।

आह, मसीह का राज्य,

सच्चे आनन्द और परम सुख की भूमि।


2

सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य बोलता है,

हम राज्य के युग में ले जाए गये हैं।

उसकी कलीसिया मसीह का राज्य है,

पृथ्वी पर परमेश्वर की सत्ता है।

सत्य से प्रेम करने वाले सुनते हैं परमेश्वर की वाणी,

वे उसका चेहरा देखते हैं, उसकी ओर मुड़ते हैं।

और सुखी है

परमेश्वर का एक-एक जन।

मृत सन्त पुनर्जन्म लेते हैं अन्तिम दिनों में।

परमेश्वर से मिलना एक आशीष है।

राज्य के जीवन का आनन्द लेते हुए,

परमेश्वर के लोग उत्साहित होकर गाते हैं।


आह, मसीह का राज्य,

परमेश्वर का स्थान है यहाँ।

आह, मसीह का राज्य,

उसका वादा होता है पूरा।

आह, मसीह का राज्य,

परमेश्वर का स्थान है यहाँ।

आह, मसीह का राज्य,

उसका वादा होता है पूरा।


3

अँघेरे की शक्तियाँ नष्ट हुईं,

क्योंकि परमेश्वर के वचन सच्चा प्रकाश हैं।

परमेश्वर अपनी वाणी से मनुष्य का,

राष्ट्रों का और प्रजा का न्याय करता है।

परमेश्वर की सभी लोग शुद्ध किए गए हैं।

हम परमेश्वर के पवित्र नाम की स्तुति करते हैं।

हम आनन्दपूर्वक एकत्र होते हैं,

विश्व उत्सव में डूब जाता है।


4

परमेश्वर के लोग शैतान को त्याग देते हैं।

हम परमेश्वर के समक्ष जीते हैं।

परमेश्वर के साथ एकत्व

हमें आनन्दित करता और सुख से भर देता है।

बड़ी आपदायें करती हैं नाश,

शैतान की सल्तनत का,

पृथ्वी पर आविर्भूत होता है

न्यायसंगत और धार्मिक साम्राज्य।


आह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति करो,

उसने अपना साम्राज्य हासिल कर लिया है, उसका आगमन हो चुका है।

आह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति करो,

परमेश्वर की इच्छा पूरी हुई है।

आह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति करो,

उसने अपना साम्राज्य हासिल कर लिया है, उसका आगमन हो चुका है।

आह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति करो,

परमेश्वर की इच्छा पूरी हुई है।

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