92 अंत के दिनों में परमेश्वर पूरा करे सब कुछ अपने वचनों से
1
अंतिम चरण से हो जाएगी स्पष्ट
यहोवा की व्यवस्था, यीशु का छुटकारा।
इसका लक्ष्य है कि तुम समझो ईश्वर की छ: हज़ार साल की योजना,
यीशु के सारे कामों और वचनों का उद्देश्य,
और समझो बाइबल के प्रति अपनी अंधश्रद्धा को।
तुम समझ जाओगे यीशु ने अतीत में जो किया था
और ईश्वर जो आज करता है।
तुम सारे सत्य समझोगे, जीवन और मार्ग देखोगे।
अभी हो रहा काम का चरण है
सारे काम ख़त्म करने के लिए, उन्हें अंत तक लाने के लिए।
अगर एक भी वचन अनकहा रहा,
तो यह काम अंत तक नहीं पहुंचेगा,
क्योंकि इस चरण में सारा काम ख़त्म किया जाता है वचनों से।
2
चला गया यीशु ईश-कार्य पूरा किए बिना,
क्योंकि वो उसके काम का चरण नहीं था।
जब वो क्रूस चढ़ा, उसका काम पूरा हो गया।
उसके चरण में बहुत-से वचन थे अनकहे,
पूरी तरह व्यक्त न किए गए,
लेकिन उसने परवाह न की अनकहे वचनों की,
क्योंकि उसकी सेवकाई वचनों की न थी।
इसलिए वो दुनिया से चला गया जब उसे क्रूस पर चढ़ाया गया।
3
अंत में, मौजूदा चरण ख़त्म करेगा ईश-कार्य।
सभी समझ जाएंगे ईश्वर की प्रबंधन योजना।
इंसान की धारणाएँ, इरादे, अन्यजातियों के बारे में उसके विचार,
यहोवा और यीशु के काम को लेकर उसकी गलतफहमियाँ,
और दूसरे भटकाव सभी सही होंगे।
इंसान समझेगा सभी सही पथ जीवन के,
ईश्वर द्वारा किए गए सारे काम, और पूरा सत्य।
तब इस चरण का अंत होगा।
अभी हो रहा काम का चरण है
सारे काम ख़त्म करने के लिए, उन्हें अंत तक लाने के लिए।
अगर एक भी वचन अनकहा रहा,
तो यह काम अंत तक नहीं पहुंचेगा,
क्योंकि इस चरण में सारा काम ख़त्म किया जाता है वचनों से।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के कार्य का दर्शन (2) से रूपांतरित